देहरादून/दिल्ली।
उत्तराखंड में हरित ऊर्जा की अपार संभावनाओं को गति देने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। यह बात लोकसभा में हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने दी।
उत्तराखंड में चल रही महत्त्वपूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, केंद्र की नीतिगत पहलों और राज्य को मिल रहे व्यापक लाभों की विस्तृत जानकारी सदन में साझा की।
ऊर्जा तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने बताया कि प्रदेश में तीन बड़ी हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं—विष्णुगढ़ पीपलकोटी (444 मेगावाट), तपोवन विष्णुगढ़ (520 मेगावाट) और लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना (300 मेगावाट)। इन परियोजनाओं के पूरा होने से उत्तराखंड की जलविद्युत क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत हरिद्वार जिले में अब तक 7,196 सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं। इसके अलावा 31 अक्टूबर 2025 तक राज्य को आवंटित 3,685 सोलर पंपों में से 1,636 पंप किसानों तक पहुँचे और स्थापित कर दिए गए हैं, जिससे कृषि क्षेत्र में ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई 250 मेगावाट क्षमता की महत्वाकांक्षी सोलर योजना का भी उल्लेख किया गया, जिसके तहत 20kW से 200kW तक के सोलर प्लांट व्यक्तियों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सौर ऊर्जा उत्पादन को नई दिशा मिलेगी।
केंद्र सरकार के कई राष्ट्रीय निर्णयों को भी उत्तराखंड के लिए अत्यंत लाभकारी बताया गया—सौर व पवन परियोजनाओं के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रणाली, 2030 तक अक्षय ऊर्जा उपभोग अनिवार्यता (RCO), 2032 तक ISTS चार्ज में छूट, ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियम, ग्रीन टर्म अहेड मार्केट (GTAM) और राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन इनमें प्रमुख हैं।
सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की जल, सौर और पर्वतीय परिस्थितियाँ इसे नवीकरणीय ऊर्जा का नेचुरल कैपिटल बनाती हैं। केंद्र सरकार की पहल दिखाती हैं कि राज्य तेजी से ग्रीन एनर्जी हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हरिद्वार में हजारों सोलर रूफटॉप सिस्टम, किसानों को लाभान्वित करती कुसुम योजना और राज्य में उभरती नई परियोजनाएँ यह प्रमाण हैं कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड स्वच्छ ऊर्जा का पावरहाउस बनकर उभरेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऊर्जा मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र ने उत्तराखंड की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा का मजबूत रोडमैप तैयार किया है।



