सूचना आयोग के निर्देश की अनदेखी पड़ी भारी, 13 साल पुराने बिल का किया भुगतान




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न्यूज 127.
राज्य सूचना आयोग के निर्देशों का अनुपालन न करना कृषि विभाग को भारी पड़ा। आयोग के निर्णय का अनुपालन न किये जाने पर दर्ज शिकायत में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय हरिद्वार पर दस हज़ार की क्षतिपूर्ति अधिरोपित की। शिकायत पर सुनवाई के दौरान आयोग द्वारा कड़ा रूख अपनाये जाने पर मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय हरिद्वार द्वारा अपीलार्थी के लगभग 13 साल पुराने 14,880/- रूपये के बिल का भुगतान भी किया गया।

सतपुली पौड़ी ब्रजभूषण द्वारा कृषि भूमि संरक्षण विभाग में वर्ष 2011 से लंबित 14,880-/ रू0 के बिल भुगतान के संबंध में मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय से जानकारी चाही गयी थी। मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय द्वारा इस संबंध में ब्रजभूषण को सूचना न दिये जाने पर राज्य सूचना आयोग में अपील की गयी। एक वर्ष पूर्व अपील में आयोग के निर्देश पर मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय हरिद्वार द्वारा ब्रजभूषण के लंबित भुगतान का आश्वासन दिया गया था। अपील में दिये गये आयोग के निर्देश का अनुपालन न किये जाने पर ब्रजभूषण द्वारा आयोग में शिकायत दर्ज की गयी।

आयोग में शिकायत पर सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने आयोग के निर्देशों का अनुपालन न किये जाने पर प्रकरण से संबंधित अधिकारियों का जवाब तलब किया गया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने मुख्य कृषि अधिकारी हरिद्वार का स्पष्टीकरण किया। आयोग के कडे़ रूख पर मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय द्वारा शिकायतकर्ता के लंबित बिल 14,880/- रू0 का भुगतान किया गया।

शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने अपने ही विभाग में अपने मात्र रू0 14880/-(चौदह हजार आठ सौ अस्सी रूपये) के वैध भुगतान के लिये लंबा संघर्ष करना पड़ा है। सूचना का अधिकार नहीं होता तो यह संभव नहीं था फिर भी उन्हें इसके लिए लंबे समय तक जूझना पड़ा इसमें उन्हें मानसिक आर्थिक एवं सामाजिक क्षति पहुंची है। विभाग को एक माह का समय अधिरोपित क्षतिपूर्ति की धनराशि अपीलकर्ता को उपलब्ध कराते हुए किये गए अनुपालन से आयोग को अवगत कराने के लिए कहा गया है।