- खाकी वर्दी में अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा की मिशाल पेश कर रहे राकेश खंडूरी
न्यूज 127.
राकेश खंडूरी तो बस नाम ही काफी है। कानून की किताब को तो मानो रट रखा हो। पीड़ित को न्याय दिलाने में हमेशा आगे रहते थे। अपराधियों को कानून की धाराओं में लपेटकर जेल भेजने का इंतजाम करते। सबूतों का पुख्ता प्रबंध करते हुए कोर्ट में मजबूत पैरोकारी करते। जिसके चलते अपराधियों के जल्दी छूटने के सभी रास्ते बंद हो जाते। दारोगा राकेश खंडूरी की कानूनी सलाह ऐसी होती कि कई कोतवाल को भी उनसे सलाह लेने की जरूरत पड़ जाती थी।
मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के ग्राम कमेड़ा पटटी, पेडूलहू निवासी स्वर्गीय हर्ष पति खंडूरी के घर में राकेश चन्द्र खण्डूरी का जन्म हुआ। पढ़ने लिखने में मेधावी राकेश अपने माता पिता के लाड़ले होने के साथ ही दिमाग से बहुत होशियार थे। नियम कायदे कानून तो उन्होंने बचपन में अपने घर से ही शुरू कर दिया था। राकेश चन्द्र खण्डूरी 20.11.1983 को पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुये। वर्दी पहनकर पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर थाने में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। देहरादून के कई थानों में अपनी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से सेवाएं देने के बाद साल 2009 में हरिद्वार के रानीपुर कोतवाली पहुंचे। रानीपुर कोतवाली के हेड़ मोहर्रिर के तौर राकेश खंडूरी के कार्यो ने सभी को प्रभावित किया। कानून की मजबूत पकड़ के चलते पेंचीदा मुकदमों में उनकी राय शुमारी ली जाने लगी। राकेश खंडूरी ने ना केवल कानून के ज्ञान से सभी को चकित किया अपितु अनुशासन और थानों की बेहतर व्यवस्था प्रबंधन किया। मालखाने की उचित हिफाजत करना और रिकार्ड की समुचित देखभाल करने का तौर तरीका भी उन्होंने इजाद किया। साल 2006 में राकेश खंडूरी के कुशल प्रबंधन को देखने के लिए 13 जिलों के हेड मोहर्रिर हरिद्वार पहुंचे और तकनीकि व व्यवहारिक ज्ञान लेकर गए। पुलिस विभाग में 41 वर्ष 02 माह की सेवा के दौरान राकेश खंडूरी को उनके अच्छे कार्यो के लिये उच्चाधिकारियों द्वारा समय- समय पर पुरस्कृत भी किया गया। इस दौरान राकेश खंडूरी प्रमोशन लेकर दारोगा बन चुके थे। दारोगा राकेश खंडूरी को 31 जनवरी 2025 को एसएसपी प्रबेंद्र डोबाल ने पुरूस्कृत करते हुए उपहार देकर सेवानिवृत किया। लेकिन दारोगा राकेश खंडूरी के चाहने वालों की संख्या बहुत है। पुलिस थानों में अपराधियों के रिकार्ड के रखरखाव और मालखाने की समुचित व्यवस्था प्रबंध के लिए युवा हेड मोहर्रिर के राकेश खंडूरी सदैव प्रेरणास्रोत्र रहेंगे।