युवक ने फांसी लगाने से पहले मां से पूछा खाना खा लिया मां, ना भूलने वाला दर्द
न्यूज127
22 साल के युवक अलपन महतो ने फांसी लगाने से पहले अपनी मां से आखिरी बात की। मां से पूछा कि आपने खाना खा लिया और मां का फोन कट कर दिया। मां ने दोबारा फोन लगाया तो बेटे ने फोन नही उठाया। मां ने कई बार फोन किया लेकिन अलपन महतो ने फोन रिसीव नही किया। मां के दिल में तड़प थी और कुछ अनहोनी को एहसास हुआ तो अपने भाई को फोन किया। लेकिन उत्तर अलपन महतो ने मामा के फोन को भी रिसीव नही किया। जब पुलिस का फोन मामा के पास पहुंचा तो उनको आत्महत्या करने की जानकारी हुई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव मामा और उसके दोस्तों को सुपुर्द कर दिया। जिसके बाद खड़खड़ी श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया।
कोलकत्ता के यूसी सिंहा स्ट्रीट पुर्लिया, वार्ड नंबर 7 नोडिया निवासी अलपन महतो देहरादून के दून पीजी कॉलेज एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नालॉजी में फाइनल ईयर का छात्र था। करीब छह महीने बाद उसका कोर्स पूरा होने वाला था। चार साल के इस कोर्स में उसका रिजल्ट अच्छा रहा। उसने हरिद्वार के श्रवणनाथ नगर स्थित होटल भाटिया इन के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पश्चिम बंगाल से उसके मामा कृष्णानेंदु जिला बाकुड़ा जो कि पश्चिम बंगाल पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है। वह हरिद्वार पहुंचे। कृष्णानेंदु अपने भांजे अलपन महतो का शव लेने के लिए नगर कोतवाली पुलिस के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनका भांजा बेहद ही शांत प्रवृत्ति का था और उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है। मां खेतीबाड़ी करती है। अलपन महतो बड़ा था जबकि उसकी एक छोटी बहन है। उसको पढ़ाई करने के लिए देहरादून भेजा था। उसने आखिरी बार अपनी मां को फोन किया और मां के खाना खाने के बारे में पूछा। उसकी मां ने कई बार फोन किया लेकिन उसने फोन नही उठाया। मां को रात नौ बजे आखिरी फोन किया। व्हाटसएप पर लिखा कि उसको जहां जाना है वहां पहुंच गया। हमको ऐसा कोई अंदाजा नही था कि वह ऐसा करेगा।
रूममेट आरको महतो ने बताया कि हमारा दोस्त हमारे भाई की तरह था। रूम में अपने जूनियर का बहुत ख्याल रखता था। सुदीप, संकल्प और तमाम दोस्तों के बीच बहुत अच्छा था। वह कोई मानसिक तनाव नही लेता था। कॉलेज की तरफ से उसको कोई दबाब नही था। हॉस्टल में भी बहुत मस्ती करता था। उसके दुनिया से जाने को लेकर बहुत दुख है। परिजनों से जानकारी हुई कि वह अब दुनिया में नही है। उसने आत्महत्या कर ली है। फिलहाल दोस्तों को बहुत दुख है तो मां की जिंदगी में एकलौते बेटे के अंतिम दर्शन नही कर पाने का दुख है। मां शायद ही कभी यह भूल पाए कि अब उसका बेटा दुनिया में नही है।
दोस्तों की पार्टी की तैयारी
अलपन महतो के दोस्तों ने उसके हॉस्टल आने की खुशी में पार्टी की तैयारी की हुई थी। दोस्तों को उसके घर से आने वाली खाने की चीजों को बांटने की खुशी थी। अलपन महतों के दोस्तों की आंखों में दुख साफ दिखाई पड़ रहा था। दोस्तों ने अपने मित्र को अंतिम विदाई तो दे दी लेकिन भगवान से प्रार्थना की अगला जन्म मिले तो वह हमारा रूममेट बने।
मां एकलौते बेटे के नही कर पाई अंतिम दर्शन, फांसी से पहले मां को आखिरी कॉल




