बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर बड़ा स्मार्ट, बिजली के बिल में चार्ज




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न्यूज127
बिजली विभाग का नया स्मार्ट मीटर बेहद बड़ा स्मार्ट निकला। इस स्मार्ट ​मीटर का चार्ज बिजली के बिल में जोड़कर वसूला जा रहा है। हालांकि जनता की ओर से स्मार्ट मीटर का लगातार विरोध किया जा रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने वाले कर्मचारियों को दौड़ाया जा रहा है। ऐसा ही कुछ हरिद्वार के वार्ड नंबर 14 में देखने को मिला। ऋषिकुल की विकास कॉलोनी में मकान मालिकों की अनुमति के बिना लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों पर जनता के साथ—साथ हरिद्वार कांग्रेस ने आपत्ति जताई।
लोगों के घरों में लग चुके 30 स्मार्ट मीटरों को उतरवा दिया और स्मार्ट मीटर लगा रहे प्राइवेट कंपनी वीनस के कर्मचारियों को कॉलोनी से खदेड़ दिया। कांग्रेसियों ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि शहर में कहीं भी बिना मकान मालिक की अनुमति के स्मार्ट मीटर लगाया तो वे उन्हें बंधक बना लेंगे।

प्राइवेट कंपनी वीनस का पहचान पत्र गले में लटकाए कुछ लोग ऋषिकुल वार्ड की विकास कॉलोनी में बिजली के स्मार्ट मीटर लगा रहे थे जिसका की कॉलोनीवासी विरोध कर रहे थे लेकिन वे नहीं माने और उन्होंने लगभग 30 घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए। कॉलोनी के किसी व्यक्ति ने ऋषिकुल वार्ड से पार्षद प्रत्याशी रहे समर्थ गर्ग को फोन कर दिया। सूचना पाकर समर्थ गर्ग, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुरली मनोहर, युवा कांग्रेस नेता वरुण बालियान, दीपक टंडन, सोनू शर्मा आदि मौके पर पहुंच गए और उन्होंने स्मार्ट मीटर लगा रहे कर्मचारियों को मीटर लगाने से रोकने के साथ मौके से भगा दिया और उनके द्वारा लगाए गए 30 स्मार्ट मीटरों को भी उतरवा दिया। साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि वे हरिद्वार में कहीं भी बिना मकान मालिक की अनुमति के मीटर लगाते हुए दिखे तो उन्हें बंधक बना लिया जाएगा।महानगर कांग्रेस अध्यक्ष अमन गर्ग और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुरली मनोहर ने कहा कि सरकार स्मार्ट मीटर के जरिए आमजनता से मनमाना बिल वसूलकर लूट खसोट करना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि जनता की जेब पर डाका डालने वाली इस नीति का कार्यकर्ता डटकर विरोध करेंगे। समर्थ गर्ग और दीपक टंडन ने कहा कि यदि स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत करनी है तो पहले भाजपा विधायक के घर और कार्यालय के अतिरिक्त महापौर और भाजपा पार्षदों के घर लगाएं जाएं।
हैरानी की बात यह है कि स्मार्ट मीटर लगाने वाली प्राइवेट कंपनी वीनस के कर्मचारियों को किसने मीटर लगाने की स्वीकृति दी है क्योंकि मीटर की नए मीटर की सीलिंग रिपोर्ट और पुराने मीटर का डाटा रखने के लिए बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं था।