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गैरसैंण विकासखंड में हो रहे पंचायत चुनावों ने इस बार एक गंभीर तस्वीर पेश की है। जहां एक ओर लोकतंत्र की प्रक्रिया निर्विरोध निर्वाचन के जरिए आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत वार्डों में भारी रिक्तता ने चिंताजनक संकेत भी दिए हैं।
679 में से 390 वार्डों में कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं आया।
गैरसैंण ब्लॉक की कुल 95 ग्राम पंचायतों में से 679 ग्राम पंचायत वार्ड हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 390 वार्डों में किसी ने नामांकन तक नहीं भरा। यह स्थिति स्थानीय राजनीति में भागीदारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
13 ग्राम प्रधान और 2 क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्विरोध
हालांकि कुछ गांवों में बिना मुकाबले ही नए प्रतिनिधि सामने आए हैं। 13 ग्राम प्रधानों और 2 क्षेत्र पंचायत सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है, जो इस प्रकार हैं:
ग्राम प्रधान:
भटग्वाली – जयवीर सिंह
मज्याणी मल्ली – लकिता नेगी
कुनीगाड़ मल्ली – आशा देवी
रामड़ा तल्ला – दिवान राम
रंगचौंड़ा – मनोज नेगी
कल्याणा तल्ला – सुमित्रा देवी
मटकोट – अनीता देवी
सिंटोली – रतन सिंह
नैल कुमोली – सबीना
सेरा – हुक्म सिंह
बंज्याणी – सरला देवी
भेड़ियांणा – इंद्र सिंह
भंडारीखोड़ – बसंती फर्सवाण
क्षेत्र पंचायत सदस्य:
फरकंडे – फरीदा बेगम
सारकोट – आरती देवी
जिला पंचायत में तीन प्रत्याशी बचे
कोठा वार्ड से गौर सिंह द्वारा नाम वापस लेने के बाद अब वहां तीन प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं।
लोकतांत्रिक भागीदारी में गिरावट
281 ग्राम पंचायत सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं, और सिर्फ 8 वार्डों में ही चुनाव होंगे। बाकी 390 वार्डों में कोई उम्मीदवार नहीं होना ग्रामीण जनभागीदारी की गिरती रुचि को दर्शाता है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
आरओ जे.पी. थपलियाल ने बताया कि खाली वार्डों को भरने के लिए निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।
बीडीओ पवन कंडारी ने आश्वासन दिया कि “चुनाव की सारी प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से चल रही है।”