नवीन चौहान
हरिद्वार लोकसभा से सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा संसद में जनगणना-2027 को लेकर प्रश्न पूछा, जिसके लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जनगणना-2027 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने जनगणना-2027 को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए राजपत्र अधिसूचना 16 जून, 2025 को जारी कर दी गई है।
जनगणना दो चरणों में आयोजित होगी
- पहला चरण – मकान सूचीकरण और मकानों की गणना:
इसमें प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और बुनियादी सुविधाओं से संबंधित जानकारी एकत्र की जाएगी। - दूसरा चरण – जनगणना:
इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी ली जाएगी। विशेष रूप से, इस जनगणना में जाति आधारित गणना भी की जाएगी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जनगणना-2027 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने जनगणना-2027 को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए राजपत्र अधिसूचना 16 जून, 2025 को जारी कर दी गई है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जनगणना के पहले चरण में मकान सूचीकरण और आवास गणना की जाएगी। जिसमें प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं से संबंधित जानकारी एकत्र की जाएगी। दूसरे चरण में व्यक्तिगत जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक आंकड़े जुटाए जाएंगे। विशेष बात यह है कि इस बार की जनगणना में जाति आधारित गणना भी सम्मिलित होगी।
जनगणना की संदर्भ तिथि सामान्य रूप से 1 मार्च, 2027 (रात्रि 12:00 बजे) रखी गई है, जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के असमकालिक बर्फीले क्षेत्रों के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर, 2026 निर्धारित की गई है।
जब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन करने के संबंध में सरकार की मंशा के बारे में पूछा गया, तो गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने स्पष्ट किया कि एनपीआर को अद्यतन करने का निर्णय फिलहाल नहीं लिया गया है। साथ ही मकान सूचीकरण और गणना की तिथि अभी अधिसूचित नहीं की गई है, जो उपयुक्त समय पर जारी की जाएगी।
गौरतलब है कि जनगणना और एनपीआर दोनों ही महत्वपूर्ण विषय रहे हैं और इन पर बीते वर्षों में व्यापक बहस होती रही है। लेकिन इस बार की स्थिति को लेकर सरकार ने जनगणना प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है जबकि एनपीआर पर स्थिति यथावत है।
जनगणना 2027 का अनुमानित बजट अभी अंतिम रूप में निर्धारित नहीं हुआ है, और इसे जल्द अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
लोकसभा में निम्नलिखित 24 सांसदों ने प्रस्तुत किया सवाल
हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत, डॉ. मन्ना लाल रावत, भोजराज नाग, भर्तृहरि महताब, पूनमबेन माडम, कमलजीत सहरावत, माला राज्यलक्ष्मी शाह, प्रवीण पटेल, तेजस्वी सूर्या, अनुराग शर्मा, दामोदर अग्रवाल, अरुण गोविल, विष्णु दयाल राम, बसवराज बोम्मई, डॉ के. सुधाकर, बाँसुरी स्वराज, शोभनाबेन महेन्द्रसिंह बारैया, बिभु प्रसाद तराई, रोडमल नागर, रवीन्द्र शुक्ला उर्फ रवि किशन, सुरेश कुमार कश्यप, मुकेश राजपूत, आलोक शर्मा और प्रो. सौगत राय





