न्यूज 127.
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को 35वें दिन भी जारी रहा। मंगलवार से यह धरना असहयोग आंदोलन में तब्दील हो गया। इस दौरान तथाकथित विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने पर भी कर्मचरियों ने गहरा रोष प्रकट किया।
धरने पर उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज और महामंत्री नरेंद्र मलिक ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार से तथाकथित प्रशासन के विरोध में संगठन द्वारा असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया गया है। इसके अंतर्गत समस्त कर्मचारी धरना स्थल पर उपस्थित होकर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की एकजुटता के कारण तथाकथित प्रशासन कर्मचारी आंदोलन को कमजोर करने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपना रहा है, परन्तु कर्मचारी गांधीवादी अहिंसात्मक तरीके से अपने आंदोलन को जारी रखे हुए हैं। कुछ तत्व कर्मचारियों को आक्रोशित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों ने शांति और संयम के साथ अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रशासन की हठधर्मिता के कारण कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभों जैसे वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। जुलाई माह में मिलने वाली वेतन वृद्धि के बिना वेतन भेजे जाने से कर्मचारियों का मानसिक और वित्तीय शोषण हो रहा है, जो सीधे तौर पर भारत सरकार के नियमों का उल्लंघन है। इसके बावजूद कर्मचारी शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अपील की है कि वे इस मामले का संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करें ताकि कर्मचारियों के न्यायसंगत अधिकारों की रक्षा हो सके। कर्मचारियों की एकता और समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा मिल रहे व्यापक जन समर्थन के कारण आंदोलन में मनोबल उच्च बना हुआ है। कर्मचारी नेताओं ने आंदोलन को शांति एवं संयम के साथ जारी रखने का आह्वान किया है।



