अमृता विश्वविद्यापीठम, हरिद्वार परिसर में स्वच्छ भारत अभियान




Listen to this article


news127
श्रीमाता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के आगामी 72वें जन्मदिवस (27 सितम्बर) की पूर्व संध्या पर अमृता विश्वविद्यापीठम, हरिद्वार परिसर में विद्यार्थियों, प्राध्यापकों एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक स्वच्छ भारत अभियान में भाग लिया। इस अभियान का केंद्रबिंदु परिसर के समीप स्थित मंदिर प्रांगण रहा।

अभियान का संचालन ब्र. प्रमोद कुमार के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम से पूर्व प्राचार्य डॉ. बी. राजथिलगम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “स्वच्छता ही ईश्वरत्व के समीप ले जाती है।” उन्होंने स्मरण कराया कि अम्मा का “अमल भारत” (स्वच्छ भारत) का संदेश माननीय प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन से गहराई से जुड़ा है।

विद्यार्थियों ने अथक ऊर्जा और समर्पण के साथ मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों की सफाई की। इस दौरान उन्होंने न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचय दिया, बल्कि सामुदायिक भावना का भी सुंदर प्रदर्शन किया। उनकी सक्रिय भागीदारी ने अम्मा के निस्वार्थ सेवा संदेश को सार्थक किया और विश्व स्वच्छता दिवस की भावना “एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य” को जीवंत रूप दिया।

अभियान के दौरान अम्मा की यह शिक्षा विशेष रूप से प्रतिध्वनित हुई—
“जब हम बाहरी दुनिया को स्वच्छ करते हैं, तब हमारा आंतरिक संसार भी स्वच्छ हो जाता है।”

यह गतिविधि अमृता विश्वविद्यापीठम के सभी परिसरों द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्तर के अभियान का हिस्सा रही, जिसने अमृता परिवार की स्वच्छ, स्वस्थ और करुणामय समाज निर्माण की प्रतिबद्धता को सशक्त रूप से प्रदर्शित किया।