मिलावटखोरों पर प्रहार: ऋषिकेश और भगवानपुर में नकली उत्पादों की बड़ी खेप जब्त




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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशव्यापी अभियान तेज, कहा— “मिलावटखोरी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, उपभोक्ता की सेहत सर्वोपरि”
न्यूज127
त्योहारी सीजन के बीच मिलावटखोरों के खिलाफ उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) का अभियान जोर पकड़ चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर राज्यभर में नकली और बिना मानक खाद्य उत्पादों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने दो टूक कहा है कि “त्योहारी मौसम में उपभोक्ता की सेहत के साथ किसी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं है। जो भी मिलावट करेगा, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

प्रदेशभर में सघन छापेमारी
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने निर्देश दिए हैं कि सभी जनपदों में लगातार निरीक्षण और छापेमारी अभियान जारी रहें। सीमावर्ती जिलों में विशेष निगरानी बरती जा रही है ताकि बाहरी राज्यों से नकली खाद्य पदार्थों की सप्लाई को रोका जा सके।

डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मोबाइल वैन के माध्यम से त्वरित सैंपलिंग की जा रही है और प्रयोगशालाओं को सैंपलों की जांच शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि दोषियों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

मावा-पनीर-घी पर सख्त नजर
त्योहारी सीजन में मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स लगातार बाजारों में सक्रिय हैं। ये टीमें मावा, खोया, पनीर, घी, तेल और मिठाइयों जैसे उत्पादों की मौके पर जांच कर रही हैं।
आयुक्त डॉ. कुमार ने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ट है — “मिलावटखोरी पर कोई रियायत नहीं, उपभोक्ता की सेहत सर्वोपरि।”

अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में अभियान
अपर आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) ताजबर सिंह जग्गी स्वयं विभिन्न जिलों में अभियानों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल के साथ-साथ चारधाम यात्रा मार्गों और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर विशेष फोकस रखा जा रहा है।

इन इलाकों में अतिरिक्त टीमें तैनात हैं जो मौके पर सैंपलिंग कर प्रयोगशाला जांच के लिए भेज रही हैं। दोषी पाए जाने वाले प्रतिष्ठानों पर तुरंत सीलिंग, लाइसेंस निरस्तीकरण और जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है।

भगवानपुर में नकली डेयरी उत्पादों की बड़ी खेप पकड़ी गई
खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने भगवानपुर क्षेत्र के बालेकी युसुफपुर गांव में तड़के छापेमारी की। एक वाहन में बिना गुणवत्ता प्रमाणन वाले पनीर की सप्लाई की जा रही थी।

जांच में यह पाया गया कि उत्पादों पर एफएसएसएआई मार्क, लेबलिंग और निर्माण विवरण नहीं थे। टीम ने मौके पर उत्पाद जब्त कर वाहन चालक और सप्लायर के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत मुकदमा दर्ज किया।

अपर आयुक्त ताजबर जग्गी ने बताया कि भगवानपुर क्षेत्र में नकली डेयरी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले गिरोहों पर विभाग की विशेष नजर है और आने वाले दिनों में लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

ऋषिकेश में नकली घी और मिल्क पाउडर बरामद

ऋषिकेश में एफडीए की टीम ने एक वाहन को रोककर जांच की, जिसमें 5 क्विंटल क्रीम, 35 किलोग्राम घी और 50 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर बरामद किए गए।

इन उत्पादों के पास कोई वैध गुणवत्ता प्रमाण पत्र नहीं था। टीम ने नमूने जांच के लिए भेजे हैं। प्रारंभिक जांच से संकेत मिला है कि ये उत्पाद अन्य राज्यों से अवैध रूप से लाए गए नकली उत्पाद हैं।

विभाग ने कहा है कि दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी का संदेश: “जनस्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा कि राज्य में मिलावटखोरी के लिए “कोई स्थान नहीं” है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने जनता से अपील की कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय पैकेजिंग, लेबलिंग और निर्माण तिथि की जांच अवश्य करें, और संदिग्ध वस्तु की सूचना तुरंत विभाग को दें।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अपील

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वच्छ और सुरक्षित भोजन व्यक्ति और समाज दोनों की सेहत की नींव है। उन्होंने कहा कि विभाग को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं और अधिकारियों को त्योहारी सीजन में पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

“किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” उन्होंने दोहराया।

जनजागरूकता अभियान से बढ़ाई जा रही सतर्कता

अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि विभाग राज्यभर में ‘सुरक्षित भोजन–स्वस्थ जीवन’ थीम पर जनजागरूकता अभियान भी चला रहा है।

इसके तहत स्कूली बच्चों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को शुद्ध और असुरक्षित खाद्य पदार्थों की पहचान करने के तरीके बताए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया कैंपेन, पोस्टर और स्थानीय कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जग्गी ने कहा — “उपभोक्ता हमारे लिए सर्वोपरि हैं, किसी भी मिलावटखोर को बख्शा नहीं जाएगा।”