उत्तराखंड पुलिस की मेजबानी में उत्तरी राज्यों की साझा सुरक्षा रणनीति




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साइबर क्राइम, ड्रग्स, आपदा प्रबंधन और नई आपराधिक विधियों पर गहन मंथन
न्यूज127, देहरादून।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड दीपम सेठ की अध्यक्षता में आज पुलिस मुख्यालय देहरादून स्थित सभागार में उत्तरी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति
(NRPCC) की 12वीं बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, चंडीगढ़ और दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए।

बेहतर समन्वय से सशक्त होगा सुरक्षा ढांचा — डीजीपी दीपम सेठ
बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीजीपी उत्तराखण्ड दीपम सेठ ने कहा कि “बेहतर अंतरराज्यीय समन्वय ही उत्तरी भारत की सुरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाएगा।” उन्होंने बताया कि उत्तरी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की स्थापना वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री जी के विज़न के अनुरूप की गई थी, जिसका उद्देश्य — उत्तरी राज्यों के बीच सहयोग, समन्वय और सामूहिक रणनीति और निर्माण को मजबूत करना।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2025 की इस बैठक की मेजबानी उत्तराखण्ड पुलिस के लिए सम्मान की बात है। पिछली बैठक अक्टूबर 2024 में शिमला (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित हुई थी।

साझा मुद्दों पर फोकस: ड्रग्स, साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन
बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध, डिजिटल माध्यमों से फैल रही कट्टरपंथी विचारधाराओं, और आपदा प्रबंधन में पुलिस की भूमिका जैसे अहम विषयों पर व्यापक चर्चा की गई। हाल ही में उत्तरी भारत के कई राज्यों में आई प्राकृतिक आपदाओं — भारी वर्षा, बादल फटना और फ्लैश फ्लड्स — को देखते हुए आपदा प्रबंधन एवं पुलिस बल की तत्परता पर भी विशेष रूप से विचार-विमर्श हुआ।

महाकुंभ 2027 और रेलवे सुरक्षा पर भी हुई चर्चा
उत्तराखण्ड में आगामी महाकुंभ मेला-2027 को ध्यान में रखते हुए रेलवे अवसंरचना की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष चर्चा की गई।
साथ ही भारत-नेपाल सीमा प्रबंधन और पर्यटन पुलिस की भूमिका को अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर भी मंथन हुआ।

डीजीपी बोले — “सुझाव होंगे व्यावहारिक और उपयोगी”
डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि इस बैठक से प्राप्त सुझाव न केवल व्यावहारिक हैं, बल्कि उत्तरी क्षेत्र में एक साझा सुरक्षा नीति बनाने की दिशा में मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।

राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के विशेष प्रस्तुतिकरण
बैठक में विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभव, नीतियाँ और Best Practices साझा किए।
मुख्य प्रस्तुतिकरण इस प्रकार रहे — शत्रुजीत कपूर, डीजीपी हरियाणा — Cyber Crime: Latest Strategies & Trends
प्रकाश डी, महानिदेशक, रेलवेज उत्तर प्रदेश — Securing Railway Infrastructure
देवेश श्रीवास्तव, विशेष आयुक्त, दिल्ली पुलिस — Social Media Disinformation: Impact on Law & Order
एस.डी. सिंह जम्वाल, डीजीपी लद्दाख — Tourist Police: Helping Visitors for a True Ladakh Experience
सागर प्रीत, डीजीपी चंडीगढ़ — Implementation of New Criminal Laws: Best Practices
नीलाभ किशोर, एडीजी पंजाब — Drugs of Concern: Future Strategies for Effective Enforcement
नावेद, एसएसपी, जम्मू-कश्मीर — Weaponising Narratives
अर्जित सेन ठाकुर, एसपी SDRF हिमाचल प्रदेश — Extreme Weather Events & Disaster Preparedness
मंजूनाथ टी.सी., एसपी सुरक्षा उत्तराखण्ड — Managing the Indo-Nepal Border: Security Concerns and Challenges

भारत-नेपाल सीमा प्रबंधन पर उत्तराखण्ड का विस्तृत प्रस्तुतिकरण
पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) मंजूनाथ टी.सी. ने “भारत–नेपाल सीमा प्रबंधन” विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने मानव एवं मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध व्यापार और सीमा पार अपराध जैसी चुनौतियों पर चर्चा की।
उन्होंने भविष्य की रणनीतियों के रूप में सीमा निगरानी को सशक्त करने, तकनीकी साधनों के प्रयोग को बढ़ाने और स्थानीय जनसहभागिता को प्रोत्साहित करने जैसे ठोस सुझाव प्रस्तुत किए।

“अंतरराज्यीय पुलिस सहयोग राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा को करता है मजबूत” — एडीजी ए.पी. अंशुमान
बैठक के समापन पर अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना एवं सुरक्षा) ए.पी. अंशुमान ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच राज्यों के बीच सहयोग, क्षमता निर्माण और तकनीकी समन्वय को सशक्त बनाते हैं, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूती मिलती है।

वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति
बैठक में वी. गुरूगेशन, एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था सहित प्रदेश के समस्त पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।