डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की बर्खास्त अध्यापिका अनुराधा की मुश्किले बढ़ी, कोर्ट में पेशी




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न्यूज127
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर की बर्खास्त अध्यापिका अनुराधा गुप्ता की मुश्किले बढ़ गई है। पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित की ओर से दायर मानहानि वाद में न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय शैलेंद्र कुमार यादव ने अनुराधा गुप्ता को 10 दिसंबर 2025 को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश पारित किया है। जिसके बाद हरिद्वार का चर्चित प्रकरण एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।
विदित हो कि डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की बर्खास्त अध्यापिका अनुराधा गुप्ता डयूटी के दौरान हमेशा विवादों में घिरी रही। स्कूल की पहली प्रधानाचार्य रेणुका से उनका विवाद रहा। लेकिन अनुराधा गुप्ता का सबसे चर्चित विवाद डीएवी स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित से रहा। जब पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने अनुराधा गुप्ता को शिक्षिका होने का कर्तव्यबोध कराया तो उन्होंने संगीन आरोपों की झड़ी लगा दी। पीसी पुरोहित के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि पुलिस की तमाम विवेचनाओं में पीसी पुरोहित को क्लीन चिट मिली और अनुराधा गुप्ता के तमाम आरोप झूठे और वेबुनियाद पाए गए। जिसके बाद अनुराधा गुप्ता ने पुलिस की विवेचनाओं पर स​वालिया निशान लगाया और तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित की सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने और अपमानित करने के लिए फर्जी वीडियो सोशल मीडिया में प्रचारित कराने शुरू कर दिए। हालांकि डीएवी मैनेजमेंट कमेटी ने अनुराधा गुप्ता को स्कूल की सेवाओं से बर्खास्त कर दिया।
जबकि इन फर्जी वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने अपने अधिवक्ता अरूण भदौरिया के माध्यम से अनुराधा गुप्ता के खिलाफ मानहानि का वाद दायर कर दिया।
अधिवक्ता अरुण भदोरिया एडवोकेट ने न्यायालय को बताया कि डीएवी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जो की सन 2010 से संस्था द्वारा नियुक्त है। डीएवी संस्था का सन् 1886 में लाहौर में उद्गम हुआ था। डीएवी संस्था में विभिन्न व्यक्तियों ने शिक्षा अर्जित की है। जो देश के प्रधानमंत्री जैसे पदों पर सुशोभित हुए।
इसी संस्था के एक स्कूल में तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित है। जिनकी तैनाती के दौरान शिक्षा के स्तर में अन्य स्कूलों के मुकाबले रिजल्ट बहुत अच्छा रहा है। स्कूल के शिक्षकों के सहयोग से बच्चों के खेल शिक्षा आदि में बड़े उत्कृष्ट कार्य कराए गए। पीसी पुरोहित की छवि आसपास के क्षेत्र में बहुत अच्छी जानी व मानी जाती रही है।
उधर अनुराधा गुप्ता जो सन 1997 में जिसे नियुक्ति दी गई थी और अनुराधा गुप्ता द्वारा पूर्व में तैनात प्रधानाचार्य श्रीमती रेणुका उनके विरुद्ध भी बिना किसी कारण के मैनेजिंग कमेटी को शिकायत करते रहना और अनुराधा गुप्ता के द्वारा लगातार रेणुका का मानसिक उत्पीड़न करने के कारण उन्होंने अपनी सर्विस से इस्तीफा तक दे दिया था। पीसी पुरोहित को प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति दी गई और इसके बाद अनुराधा गुप्ता के द्वारा पीसी पुरोहित प्रधानाचार्य की नियुक्ति होते ही अनुराधा गुप्ता ने मैनेजिंग कमेटी दिल्ली को झूठी शिकायतें करनी शुरू कर दी। कोई सबूत न होने के कारण कमेटी ने शिकायत झूठी पाई और इसके बाद अनुराधा गुप्ता ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय विभाग अन्य को भी शिकायत की गई, यहां तक की राज्य महिला आयोग उत्तराखंड में भी शिकायत की गई जिसमें अनुराधा को आदेश में निर्देशित किया गया कि अनुराधा बिना बजह की पत्राचार ना करें और अन्य लोगों की शिकायत भी स्वयं ना करें, जो प्रताड़ित है वह शिकायत स्वयं कर सकता है। इन्हीं कारण से अनुराधा गुप्ता का स्थानांतरण डीएवी पब्लिक स्कूल कोटद्वार कर दिया गया उसके पश्चात अनुराधा गुप्ता के द्वारा तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के विरुद्ध एक झूठा मुकदमा 354 क, घ व धारा 506 आईपीसी के तहत थाना कनखल में दर्ज कराया गया। जिसमें दो बार मुकदमे की जांच हुई और दोनों बार पुलिस के द्वारा फाइनल रिपोर्ट लगाई गई। जिस पर अनुराधा गुप्ता के द्वारा न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट के खिलाफ आपत्ति दाखिल की और न्यायालय ने अनुराधा गुप्ता की आपत्ति को भी निरस्त कर दिया। फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और अनुराधा द्वारा मैनेजिंग कमेटी पर शिक्षा मंत्रालय पर , राज्य महिला आयोग पर, पुलिस विभाग पर, पुलिस अधिकारियों पर विश्वास न होने के कारण संस्था के विरुद्ध व पीसी पुरोहित को अपमानित करते हुए यूट्यूब में एक वीडियो डालकर जिसका लिंक नितिन शर्मा दर्शित हो रहा है डाला। जिसे देखकर पीसी पुरोहित व उनके परिचितों ने अपनी निगाह में छवि को गिरना बताया। जिस पर पीसी पुरोहित ने अपने अधिवक्ता अरुण कुमार भदोरिया एडवोकेट के माध्यम से 21. 1 .2017 में अनुराधा गुप्ता को नोटिस कानूनी भिजवाए लेकिन अनुराधा गुप्ता ने अपने अपराधिकृतियों के बाबत ना तो कोई क्षमा याचना की और ना ही यूट्यूब पर डाली गई वीडियो को हटाया उसके पश्चात पीसी पुरोहित तत्कालीन प्रधानाचार्य के द्वारा अपने अधिवक्ता अरुण भदोरिया एडवोकेट के माध्यम से न्यायालय में वाद दायर किया गया। जिसमें न्यायालय द्वारा पीसी पुरोहित व स्कूल के अध्यापक व स्कूल के छात्रों के अभिभावक के द्वारा न्यायालय में बयान दिया गया। जिसमें न्यायालय ने पाया कि अनुराधा गुप्ता ने जो भी पीसी पुरोहित के संबंध में जो शिकायत विभिन्न स्तरों पर की है। वह सभी जांच के उपरांत झूठी पाई गई और अनुराधा गुप्ता के द्वारा पीसी पुरोहित की ख्याति को अपमानित किया जाना दर्शित माना और अनुराधा गुप्ता को न्यायालय श्री शैलेंद्र कुमार यादव न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय हरिद्वार द्वारा 10 दिसंबर 2025 के लिए हाजिर होने का आदेश पारित किया है। और अब अनुराधा गुप्ता को न्यायालय में अपने द्वारा किए गए कृत्यों के कारण हाजिर होना पड़ेगा।