प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर 16 से 18 अक्टूबर तक होगी जनसुनवाई; शासन द्वारा गठित समिति करेगी विचार-विमर्श
हरिद्वार।
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) की ओर से तैयार की गई हरिद्वार महायोजना-2041 (प्रारूप) और रूड़की महायोजना-2041 (प्रारूप) पर प्राप्त आपत्तियों और सुझावों के निस्तारण के लिए शासन ने जनसुनवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
शासन द्वारा गठित समिति आगामी 16 से 18 अक्टूबर 2025 तक निर्धारित स्थलों पर जनसुनवाई आयोजित करेगी, जिसमें सभी आपत्तिकर्ता और सुझावकर्ता को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया है।
हरिद्वार और रूड़की महायोजना-2041 के प्रारूपों की प्रदर्शनी पहले दोनों नगरों में आयोजित की गई थी, जिसके माध्यम से नागरिकों, संस्थाओं और विशेषज्ञों से विस्तृत सुझाव एवं आपत्तियाँ प्राप्त हुई थीं।
अब इन आपत्तियों और सुझावों पर शासन द्वारा गठित समिति जनसुनवाई के माध्यम से विस्तृत विचार-विमर्श करेगी, ताकि अंतिम महायोजना में जनता की राय को उचित स्थान दिया जा सके।
जनसुनवाई की तिथियां और स्थान
- हरिद्वार महायोजना-2041 (प्रारूप) तिथि: 16 अक्टूबर 2025
स्थान: भल्ला इंटर कॉलेज, मायापुर, हरिद्वार - रूड़की महायोजना-2041 (प्रारूप) तिथि: 17 एवं 18 अक्टूबर 2025
स्थान: बी.एस.एम. डिग्री कॉलेज, रूड़की
सभी आपत्तिकर्ता एवं सुझावकर्ता को उक्त तिथियों पर उपस्थित होकर अपने पक्ष प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
शासन द्वारा गठित समिति की अध्यक्षता उपाध्यक्ष, हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण करेंगे। समिति में निम्न अधिकारी सदस्य के रूप में सम्मिलित हैं —
प्रभागीय वनाधिकारी, हरिद्वार, नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार एवं रूड़की, पुलिस अधीक्षक, यातायात एवं परिवहन, हरिद्वार, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक, उत्तराखंड, देहरादून, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई खंड, हरिद्वार, समिति प्राप्त आपत्तियों और सुझावों का विश्लेषण कर उन्हें अंतिम महायोजना में सम्मिलित करने की प्रक्रिया तय करेगी।
डाक आमंत्रण के साथ सार्वजनिक सूचना भी मान्य
प्राधिकरण ने बताया कि सभी आपत्तिकर्ताओं और सुझावकर्ताओं को डाक द्वारा व्यक्तिगत आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, यदि किसी कारणवश डाक आमंत्रण प्राप्त नहीं हो पाता है, तो यह सार्वजनिक सूचना ही अधिकृत आमंत्रण मानी जाएगी।
जनभागीदारी से सुनियोजित शहरी विकास
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण के अनुसार, शासन का उद्देश्य महायोजना को केवल तकनीकी दस्तावेज़ न बनाकर, जनभागीदारी आधारित विकास का खाका तैयार करना है। महायोजना-2041 दोनों नगरों के भविष्य के भू-उपयोग, यातायात, आवास, औद्योगिक क्षेत्र, पर्यावरण और अवसंरचना विकास की दिशा तय करेगी।