देवभूमि के छोरे पर लंदन की मेलोडी का दिल, वासुकी नाग देवता प्रांगण में सात फेरे




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विदेशी मेहमान हुए गढ़वाली परंपरा और देवसंस्कृति से मंत्रमुग्ध, आतिथ्य ने जीते दिल

news127, बारसू/उत्तरकाशी

विश्वप्रसिद्ध दायरा–सूर्य टॉप बुग्याल के आधार ग्राम बारसू ने शनिवार को वह ऐतिहासिक दृश्य देखा, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। वासुकी नाग देवता के पावन प्रांगण में लंदन की युवती मेलोडी और रुद्रप्रयाग जाखणी निवासी अक्षय नेगी ने पारंपरिक गढ़वाली रीति–रिवाजों के साथ सात फेरे लेकर अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत की। प्रकृति, संस्कृति और देवआस्था से ओत–प्रोत इस भव्य आयोजन ने प्रधानमंत्री के “Wedding Destination Uttarakhand” के सपने को वास्तविक धरातल पर उतारने का शानदार संदेश दिया है।

देवसंस्कृति में रचा–बसा विवाह समारोह

बारसू गांव पूरे उत्साह के साथ इस अंतरराष्ट्रीय विवाह का साक्षी बना। ग्रामीणों, महिला मण्डलों और युवा स्वयंसेवकों ने विदेशी मेहमानों का देसी अंदाज़ में स्वागत कर ‘अतिथि देवो भवः’ की भावना को चरितार्थ किया। विवाह विधि वासुकी नाग देवता की पारंपरिक परंपराओं और प्राचीन अनुष्ठानों के अनुरूप सम्पन्न हुई। देवता की डोली से आशीर्वाद लेकर नवदंपती ने अपने नए जीवन की शुरुआत की।

समारोह में लंदन से आए लगभग 30 विदेशी मेहमान — जिनमें लुईस बॉन, केज़ी बॉन, एल एस बुश आदि शामिल थे — गढ़वाली परंपराओं, ग्रामीण संस्कृति और आध्यात्मिक वातावरण से अभिभूत नजर आए। डोली–विदाई, बारात स्वागत, देवपूजन और पारंपरिक वाद्ययंत्रों के स्वर उनके लिए किसी अद्भुत अनुभव से कम नहीं थे।

प्रेम कहानी जो बारसू के बुग्यालों में खिली

अक्षय और मेलोडी की कहानी भी बारसू जितनी ही खूबसूरत है। दोनों की मुलाकात दयारा और सूर्य टॉप की ट्रैकिंग के दौरान हुई थी। पर्यटक दलों के साथ मिलकर यात्रा करने से शुरू हुई दोस्ती धीरे–धीरे प्रेम में बदल गई। मेलोडी बारसू की संस्कृति, लोकजीवन और देव परंपराओं से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने निश्चय किया— “विवाह तो यहीं, देवता के आंगन में ही होगा।” आज वह सपना देवआशीर्वाद के बीच साकार हुआ।

ग्रामवासियों ने दिखाया अद्भुत सामूहिक सहयोग

ग्राम प्रधान याजवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बारसू को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। महिला मंगल दलों से लेकर युवाओं तक—सबने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान दिया।

स्थानीय होमस्टे संचालक रवि रावत (बुग्याल सराय) ने कहा कि विदेशी मेहमानों ने बारसू के भोजन, संस्कृति, लोकगीत, साधारण जीवनशैली और पहाड़ी आतिथ्य की दिल खोलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि
“बारसू अब सिर्फ ट्रैकिंग का बेस नहीं, बल्कि पर्वतीय सीटियों के लिए एक आदर्श वेडिंग डेस्टिनेशन बनकर उभर रहा है।”

वेद–विधान से सम्पन्न हुए विवाह संस्कार

विवाह अनुष्ठान रुद्रप्रयाग से आए पंडित अजय नौटियाल और वधु पक्ष से पंडित राजीव नौटियाल ने पूरे वेद–विधान के साथ सम्पन्न कराए। मेलोडी की बहन लूसी ने कहा— “यह हमारे जीवन का सबसे सुंदर अनुभव है। बारसू जितना दिव्य, शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा स्थान विवाह के लिए शायद ही कहीं हो।”

देवभूमि की पहचान को मिला वैश्विक मंच

देवसंस्कृति, बुग्यालों की भव्यता, ग्रामवासियों का समर्पण और परंपराओं की पवित्रता से सम्पन्न यह अंतरराष्ट्रीय विवाह न केवल बारसू गांव को विश्व पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दे रहा है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक गरिमा को भी वैश्विक मंच पर स्थापित कर रहा है।