प्रियंका गांधी संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल करने के निर्देश पर भड़कीं




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न्यूज 127.
केंद्र सरकार द्वारा सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों को नए स्मार्ट फोन में संचार साथी एप इंस्टॉल करने के​ निर्देश का विपक्ष विरोध कर रहा है। विपक्ष को आंशका है कि सरकार इस एप की सहायता से लोगों की जासूसी कराएगी। हालांकि सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताया है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि इस एप को कभी भी डिलीट किया जा सकता है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करने के DoT के निर्देशों पर कहा, ‘यह एक जासूसी ऐप है। यह मज़ाकिया है। नागरिकों को प्राइवेसी का अधिकार है। साइबर सिक्योरिटी की जरूरत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह आपको हर नागरिक के टेलीफ़ोन में जाने का बहाना दे। मुझे नहीं लगता कि कोई भी नागरिक खुश होगा। पार्लियामेंट इसलिए काम नहीं कर रही है क्योंकि सरकार किसी भी चीज पर बात करने से मना कर रही है।’

बतादें केंद्र सरकार ने सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों को सभी नए स्मार्ट फोन में ‘संचार साथी एप’ इंस्टॉल करने का आदेश दिया है। इस एप से स्मार्ट फोन खोने पर उसे ब्लॉक करने और फर्जी-स्पैम कॉल करने वाले नंबरों को ब्लॉक करने की सुविधा मिलती है। लेकिन विपक्षी दलों को आशंका है कि सरकार इस नए एप के जरिए मोबाइल फोन में जासूसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कर उनकी जासूसी करा सकती है।

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि संचार साथी एप को डिलीट किया जा सकता है। यह एप वैसा ही होगा जैसे बाकी एप्स होते हैं। इस एप में रजिस्टर करने की भी जरूरत भी नहीं है। विपक्ष बेवजह इसे मुद्दा बना रही है। यह एप कंपनियों के जरिए अनिवार्य जरूर है लेकिन यह पूरी तरह यूजर पर निर्भर करता है कि वह इस एप को इस्तेमाल करना चाहता है या नहीं। यह एप पूरी तरह से नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।