गढ़वाल में गुलदार का डेथ वारंट जारी, पहले पिंजरे में पकड़ने की तैयारी




Listen to this article

देहरादून/पौड़ी।
गढ़वाल वन प्रभाग के अंतर्गत पौड़ी रेंज क्षेत्र के ग्राम गजल्ड में गुलदार के हमले में 42 वर्षीय राजेंद्र नौटियाल की मौत के बाद वन विभाग ने मानव सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए गुलदार को पकड़ने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखंड ने प्रभागीय वनाधिकारी, गढ़वाल वन प्रभाग को पत्र जारी कर गुलदार को पिंजरे में पकड़ने, ट्रैंक्विलाइज कर नियंत्रित करने तथा अंतिम विकल्प के रूप में उसे नष्ट करने की अनुमति प्रदान की गई है।

वन विभाग के अनुसार यह घटना 04 दिसंबर 2025 को हुई थी, जिसके बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए पहले ही विभागीय टीम द्वारा गुलदार को पिंजरे में पकड़ने और ट्रैंक्विलाइज करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही दो विभागीय शिकारी भी क्षेत्र में तैनात किए गए हैं, लेकिन अब तक गुलदार को पकड़ने में सफलता नहीं मिल सकी है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक तथा कुमाऊं आयुक्त द्वारा मौके का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। निरीक्षण के दौरान मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल, वन संरक्षक गढ़वाल वृत्त, जिलाधिकारी पौड़ी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। स्थानीय लोगों से बातचीत में ग्रामीणों ने गुलदार से सुरक्षा की मांग की।

इसी क्रम में जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो स्थानीय अनुभवी शिकारियों—श्री जॉय ह्युकिल, निवासी चोपड़ा तथा राकेश चंद्र बड़थ्वाल, सेवानिवृत्त सहायक जिला पंचायत अधिकारी, निवासी पौड़ी—को विभागीय शिकारियों की सहायता के लिए अनुमति दी गई है। यह अनुमति 18 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी, जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है।

वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने, जंगल की ओर अकेले न जाने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को देने की अपील की है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि मानव जीवन की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और गुलदार को पकड़ने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास जारी हैं।