नवीन चौहान, हरिद्वार। निकाय चुनाव में बीएलओ की कारगुजारियों के चलते इस बार मुर्दो के नाम वोट वोटर लिस्ट में दिखाई दिये। जबकि जिंदा आदमी वोट डालने के लिये अपनी आईडी लेकर भटकते दिखाई दिये। कमोवेश ये नजारा सभी सभी वार्डो में रहा। आश्चर्यजनक बात ये रही कि मुर्दो के वोट भी मतपेटी में पड़ गये। इससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठना लाजिमी है।
परिसीमन के बाद इस बार हरिद्वार नगर निगम चुनाव में गांवों को जोड़कर 60 वार्ड बनाये गये। इन क्षेत्रों में लोगों का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने का कार्य बीएलओ ने किया। बीएलओ ने उन लोगों का नाम भी वोटर लिस्ट में जोड़ दिया जिनकी मृत्यु हो चुकी है। जबकि जिंदा घूम रहे लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिये। ये कारनामा किसी साजिश के चलते किया गया या लापरवाही के कारण वो जो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन इन मृतकों के वोट डाले गये ये सबसे दुखद बात रही। आखिरकार लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में सत्ता सुख पाने के लिये मृतकों के नाम से खिलबाड़ किया जाना किसी भी सूरत में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। निर्वाचन आयोग को ऐसे कृत्य के लिये संबंधित बीएलओ के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिये। ताकि लोकतंत्र के इस पर्व का कोई उपहास ना उड़ा सके और मृतकों के परिजनों को दुख ना पहुंचे।