नवीन चौहान
मोदी सरकार में यातायात नियमों के उल्लघंन के बाद जुर्माने की भारी भरकम राशि का खौफ कहा जाए या पुलिस के चालान का डर लेकिन आम जनमानस बेहद ही खौफजदा है। जनता अपने वाहनों के पंजीयन से लेकर तमाम कागजों को पूरा कराने में लगा है। जनता एआरटीओ पहुंचकर अपने लाईसेंस, फिटनेस, प्रदूषण व तमाम दस्तावेजों को पूरा करा रही है। लेकिन हद तो तब हो गई जब एक बंदर भी हरिद्वार एआरटीओ की लाईसेंस शाखा में पहुंच गया। बंदर बिना किसी को परेशान किए लाईसेंस टेस्ट देने का इंतजार करता रहा। जब एआरटीओ के कर्मचारियों ने उसे हटाने का प्रयास तो वह कंप्यूटर के आगे बैठ गया। मानों उसे पेड़ों पर छलांग लगाने के लिए किसी लाईसेंस की जरूरत ना पड़ जाए।
बंदर का ये नजारा हरिद्वार के एआरटीओ का है। जहां पर काफी देर तक एक बंदर लाईसेंस शाखा में अपने टेस्ट का इंतजार करता रहा। कार्यालय के कर्मचारियों ने उसे हटाने का प्रयास किया तो वह कंप्यूटर कक्ष में पहुंच गया। इस नजारे को जिस किसी ने देखा वो हंसे बिना नही रह पाया। हंसने का सबसे बड़ा कारण यह है कि वहां पर मौजूद सैंकड़ों लोग सिर्फ लाईसेंस बनवाने ही आए थे। लाईसेंस लेने वाले लोग मोदी सरकार के कानून के भय से ही एआरटीओ पहुंच रहे है।