नवीन चौहान
संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े भाजपा के समर्पित नेता नरेश बंसल को उत्तराखंड की राज्यसभा सीट से भाजपा ने प्रत्याशी बनाकर जमीनी नेता को बहुत बड़ा सम्मान दिया है। हालांकि नरेश बसंल इस सम्मान के पूरी तरह से हकदार थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा की। भाजपा को बूथ स्तर पर मजबूत करने का कार्य किया। भाजपा कार्यकर्ताओं को जोड़कर और पार्टी हित में कार्य कराने में उनको महारथ हासिल है। उनकी इसी काबलियत को देखते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने नरेश बसंल को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है।
बताते चले कि साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नरेश बंसल ने हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से टिकट की मांग करते हुए दावेदारी पेश की थी। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने नरेश बंसल के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। साल 2014 के चुनाव में डॉ निशंक चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच गए। जबकि नरेश बंसल को भाजपा संगठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते रहे। नरेश बसंल ने एक समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी की नीतियों को जनता—जनता तक पहुंचाने का कार्य किया। उन्होंने टिकट ना मिलने पर भी उम्मीद नही छोड़ी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने दूसरी बार हरिद्वार सीट पर दावेदारी पेश की। इस दौरान संगठन महामंत्री के दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे। नरेश बसंल के सहयोगी के तौर पर हरिद्वार भाजपा के कार्यकर्ता रोहित साहू और सुनील प्रजापति ने घर—घर जाकर उनके लिए माहौल बनाया। दोनों कार्यकर्ताओं ने नरेश बसंल के लिए दिनरात मेहनत की। हालांकि इस बार उनको उत्तराखंड की प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर कार्य कर करने का अवसर मिला। लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने दूसरी बार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को ही हरिद्वार सीट से प्रत्याशी बनाकर नरेश बसंल को पार्टी को मजबूत करने के लिए जुटा दिया। भाजपा के लिए धरातल पर रहकर कार्य करने वाले नरेश बंसल ने हार नही मानी। पूरी ईमानदारी से भाजपा के लिए कार्य करते रहे। उनके इसी समर्पण को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उनको राज्यसभा का प्रत्याशी बनाकर 6 साल के लिए सांसद पहुंचने का रास्ता साफ कर दिया। हरिद्वार पहुंचने पर नरेश बसंल ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजनीति करने की उनकी भावना जनसेवा है। जनता की सेवा में वह सदैव समर्पित रहेंगे।
नरेश बसंल का एक छोटा परिचय
8 साल की आयु से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर नरेश बसंल ने अपने आप को राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने आरएसएस के बैनर तले काम करते हुए सिंचाई विभाग की नौकरी गंवाई और वे समर्पण भाव से काम करते रहे। आजीविका चलाने के लिए बैंक में नौकरी करते हुए संघ का झंडा उठाकर आवाज बुलंद करते रहे। अलग प्रदेश बनने पर वे उत्तराखंड की सेवा में लगे रहे। उनके समर्पण के चलते हुए भाजपा के केंद्रीय संगठन ने उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन राजनीति में आगे बढ़ने की चाह ने उनके कदमों को मजबूत करके रखा। इसी का नतीजा का आज सामने है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा के चलते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें राज्यसभा में भेजने के लिए सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया गया। प्रत्याशी घोषित होने के बाद उन्होंने नामांकन दाखिल करने के बाद से लगातार विधायकों से जनसंपर्क अभियान जारी है। हालांकि उनका निर्विरोध राज्यसभा पहुंचने का रास्ता पूरी तरह से साफ है।
सुनील की दुकान पर सूप पीने की इच्छा
भाजपा के राज्यसभा सासंद प्रत्याशी नरेश बसंल ने अपने दोनों वफादार साथियों रोहित साहू और सुनील प्रजापति का हृदय से आभार व्यक्त किया है। हरिद्वार डामकोठी से निकलने के दौरान नरेश बसंल ने सुनील प्रजापति की दुकान पर सूप पीने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि सुनील जल्दी दुकान पर आकर सूप पीना है।