नवीन चौहान
हरिद्वार के प्रसिद्ध अखाड़े के दोनों इंदों ने बेशकीमती जमीन को फिर से खुर्द बुर्द करते हुए ठिकाने लगा दिया है। बेशकीमती भूखंडों को बेचकर प्रसिद्ध समाजसेवियों का खिताब भी हासिल कर चुके हैं। भूखंड खरीदारों ने बाग को काटकर निर्माण शुरू करा दिया है। खरीदारों में शहर का प्रतिष्ठित खादीधारी और साथ ही कई प्रॉपर्टी डीलरों ने मिलकर सौदा किया है। शीघ्र ही हरियाली को मिटाकर कंक्रीट के जंगल खड़े करने की तैयारी हो गई है। अखाड़े का जमीन बेचने का रिकार्ड बड़ा पुराना है। संस्था पहले भी कई बेशकीमती भूमियों को ठिकाने लगा चुकी है।
हरिद्वार के तीन अखाड़े भूमि बेचने के मामले में लगातार चर्चाओं में है। लेकिन श्री अखाड़ा के महंतों ने भूमि बेचने का रिकार्ड बना दिया है। अखाड़े की बेशकीमती भूमि को लगातार बेचते जा रहे हैं। अखाड़े के महंतों ने अखाड़ा आश्रम परिसर तक को भी नहीं बख्शा। उसमें होटल बनवा दिया है। इसके अलावा जगजीतपुर में राजा गार्डन में भट्टे वाला गड्ढे बेच दिया। इसके अलावा अन्य प्रदेशों में भी ये दोनों इंद्र अखाड़े की बेशकीमती भूमि को बेच चुके हैं। अब हाल में इन्होंने जगजीतपुर में सतीकुंड के पीछे वाली बेशकीमती भूमि को ठिकाने लगा दिया है। भूमि के एक कौने में एक आश्रम ने निर्माण शुरू करा दिया है। इसके अलावा जगजीतपुर में ही एक अन्य भूमि को भी बेचने के लिए समाजसेवी इंद्र ने तैयारी की हुई है। इस बाग को सरकार के कद्दावर खादीधारी ने अपने साथी प्रॉपर्टी डीलरों से मिलकर सौदा कर लिया है। क्योंकि अखाड़ों की भूमि की खरीद फरोख्त करने के लिए सरकार की मुहर जरूरी होती है। इसके लिए सिविल कोर्ट की भी अनुमति लेनी पड़ती है। बताया जा रहा है कि जल्द ही बाग को कटवाकर प्लाटिंग शुरू हो जाएगी। बाग के पास भाजपा का जिला कार्यालय भी है।
दोनों इंद्रों ने फिर से बेची अखाड़े की बेशकीमती जमीन और बन रहे समाजसेवी




