नवीन चौहान
बैंक खातों से ठगी करने के मामले लगातार आ रहे हैं, लेकिन साईबर पुलिस तत्काल मामले की जानकारी मिलते ही रूपये दिलाने में सफल हो रही हैं। साइबर पुलिस ने हरिद्वार के एक व्यक्ति के दो लाख रूपये वापस दिलवा दिए हैं। हालांकि अन्य मामलों में ठगों के खातों की डिटेल निकलवाकर संबंधित थानों के लिए भेज दी है।
बैंक अधिकारी बनकर एक ठग ने हरिद्वार निवासी एक व्यक्ति के खाते से 4 लाख रूपये निकाल लिए। पीड़ित ने ठगी होने पर तत्काल जानकारी साइबर थाने में दी। साइबर थाने की विशेषज्ञ पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ठग के खाते को फ्रीज कराते हुए दो लाख रूपये वापस करा दिए। साइबर थाने के उप निरीक्षक राजेश ध्यानी ने बताया कि अन्य रूपयों की वसूली के लिए संबंधित थाना पुलिस को सूचना भेज दी गई है।
मामला नंबर- 2
जनपद देहरादून निवासी एक व्यक्ति द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड़ में प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया, जिसमे उनके द्वारा बताया गया कि उनको एक ’अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर उनके क्रेडिट कार्ड में मोजूद रिवार्ड पॉउन्ट को कैश कराने’ हेतु कहा गया। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त रिवार्ड पॉउन्ट को कैश कराने की प्रक्रिया पूछी गई तो ’साईबर अपराधी द्वारा क्रेडिट कार्ड नम्बर एवं ओटीपी बताने हेतु कहा गया। शिकायतकर्ता द्वारा साईबर अपराध झांसे में आकर उन्हे’ क्रेडिट कार्ड नम्बर एवं ओटीपी बता दिया गया, जिस कारण उनके ’खाते से 41,320 रुपये’ की धनराशि साईबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी से निकाल ली गयी। उक्त प्रार्थना पत्र पर साईबर थाने से उप निरीक्षक कुलदीप टम्टा एवं पवन कुमार द्वारा शिकायतकर्ता से उपलब्ध दस्तावेजो के आधार पर जानकारी प्राप्त करते हुये तत्काल सम्बन्धित नोडल अधिकारियों से कार्यवाही हेतु सम्पर्क किया गया। जिसमें मोबिक्वीक कम्पनी से शिकायतकर्ता के 26362 रूपये रिफंड कराए गए है। प्रकरण में अग्रिम कार्रवाई हेतु सम्बन्धित जनपद को भेजा जा रहा है।
मामला नंबर- 3
जनपद देहरादून निवासी व्यक्ति द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड़ में प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि उन्हे एक अंजान नम्बर से कॉल आया जिसने उन्हें अपना परिचित बताते हुये मदद के नाम पर 24,500 रुपये की मांग की गयी तथा उक्त धनराशि को शीघ्र वापस करने का आश्वासन दिया गया। उक्त को अपना परिचित समझकर शिकायतकर्ता द्वारा गूगल पे के माध्यम से रुपये 24,500 ट्रांसफर किए गए। धनराशि स्थानान्तरित करने के उपरान्त अपने परिचित को फोन करने पर उन्हे अपने साथ हुयी धोखाधड़ी की जानकारी हुई। उक्त प्रार्थना पत्र पर साईबर थाने से उप निरीक्षक निर्मल भट्ट के द्वारा कार्यवाही करते हुये तत्काल सम्बन्धित नोडल को मेल प्रेषित की गई। फ्रॉड कॉलर व बैंक खातों की जानकारी की गई तो उक्त खाता अलवर राजस्थान का होना पाया गया। संदिग्ध व्यक्ति लाभार्थी खाता धारक के समस्त विवरण प्राप्त कर प्रकरण में अग्रिम कार्रवाई हेतु सम्बन्धित जनपद को भेजा जा रहा है।
उत्तराखंड की साईबर विशेषज्ञ पुलिस ने दिलाए हरिद्वार निवासी पीड़ित के दो लाख, अन्य भी ठगे गए



