नवीन चौहान
हरिद्वार के चौथी बार विधायक और दो बार उत्तराखंड सरकार में केबिनेट मंत्री बन चुके मदन कौशिक को भाजपा हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पद के लिहाज से देखा जाए तो मदन कौशिक का प्रमोशन हुआ है। मदन को यह जिम्मेदारी उस वक्त मिली है जब उत्तराखंड की भाजपा सरकार अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। भाजपा विधायकों ने खुद मदन के खिलाफ ही मोर्चा खोल रखा था। त्रिवेंद्र सरकार में मदन की नंबर दो की पोजीशन थी। ऐसे में भाजपा हाईकमान ने मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर तीरथ सिंह रावत को उप चुनाव में जीत दर्ज कराने और पौड़ी लोकसभा और सल्ट विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कराने का दायित्व सौंपकर उनकी काबलियत को परखने और विवादों को सुलझाने का प्रयास किया है। निश्चित तौर पर मदन कौशिक का कद बढ़ा है।
क्योकि मदन कौशिक में संगठित करने की क्षमता है। चुनाव प्रबंधन में उनको महारथ हासिल है। लेकिन यह महारथ उनको अब प्रदेश की 70 विधानसभा साटों पर दिखानी होगी। हरिद्वार विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां निवास करने वाले एक—एक परिवार को मदन नाम से जानते है। लेकिन बात करते है प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्य करते हूुए 70 विधानसभा सीटों पर प्रचार करने की। पहाड़ी के इलाकों में मतदाताओं के वोट को भाजपा के पक्ष में करने की। लेकिन इससे पहले उप चुनाव में जीत दर्ज करने की। मदन कौशिक के सितारे हमेशा बुलंद रहे है। वह सियासत के मंझे हुए धुरंधर खिलाड़ी है। चुनाव में पार्टी के लिए फंड जुटाने से लेकर विपक्षी पार्टी के तमाम हमलों का जवाब देना उनको वखूबी आता है। लेकिन पहाड़ की सियायत में भाजपा को चुनाव में जीत दर्ज करा पाना और गंभीर अग्निपरीक्षा मदन कौशिक के लिए है। अगर साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में आई तो मदन कौशिक राजनीति के युग पुरूष बनेंगे और इतिहास रचेंगे। उनका राजनैतिक कद बहुत ऊंचा होगा। भाजपा के चुनाव हारने के साथ ही मदन कौशिक के लिए अध्यक्ष पद की कुर्सी डिमोशन का कारण बनेगी। फिलहाल तो मदन कौशिक प्रदेश अध्यक्ष है और उत्तराखंड भाजपा संगठन के मुखिया है।
मदन कौशिक का प्रमोशन हुआ या डिमोशन, पूछ रहा हरिद्वार, जानिए समाचार



