पथराव बने खबरों की सुर्खियां तो महंगाई डायन रोने लगी,बुलडोजर का कद बढ़ा




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नवीन चौहान
पत्थरबाजी बने खबरों की सुर्खियां तो महंगाई डायन रोने लगी। महंगाई बोली कि कितना ही ऊंचा जाऊं लेकिन मीडिया ने नकार दिया। नीबू से लेकर मिर्च तक ने बाजार में आग लगा दी। गरीब की थाली से सब्जी गायब हो गई। लेकिन मीडिया को मेरी कीमत का अंदाजा ना हुआ। पत्थरों के बीच मेरी जगह खो गई। नाश हो जाए इन पत्थरों का। जिनके चलते मेरी कीमत का अंदाजा लगाना मीडिया भूल गई।
देश में इन दिनों महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। सबसे ज्यादा कीमत नीबू और हरी मिर्च की बढ़ गई। सब्जी के साथ मुफ्त मिलने वाला हरे धनिये के भी दाम लग गए। लेकिन सरकार को महंगाई की कोई सुध नही है। गरीब की थाली से सब्जी गायब हो गई। आलू टमाटर के सहारे गरीब दिन गुजार रहे है। 400 रूपये प्रतिदिन की दिहाड़ी मजदूरी करने वाले गरीब लोग हरे धनिये की चटनी से भी दूर हो गए। लेकिन बात करें महंगाई ​कि वह खुद रोने लगी है। महंगाई के सम्मान में बेहद कमी आई है। मीडिया ने अपनी खबरों से महंगाई को गायब कर दिया। महंगाई का स्थान पत्थरों ने ले लिया है। पत्थरबाजी की खबरे सुर्खियों में है। जबकि महंगाई चुपचाप लोगों का दम निकाल रही है।