खाकी को कर्तव्य बोध कराने के लिये पुलिस कप्तान ने किया अभिनव प्रयोग, जानियें पूरी खबर




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हरिद्वार। मित्रता सेवा और सुरक्षा उत्तराखंड पुलिस का स्लोगन है। इसको चरितार्थ करना पुलिस का कर्तव्य है। इसी स्लोगन को चरितार्थ करने के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वीके ने हरिद्वार के इतिहास में पहली बैठक आॅफिस के स्थान पर देहात के एक थाने में आयोजित की गई। बैठक में जनता ने एसएसपी से सीधा संवाद किया। जनता ने अपनी समस्या को पुलिस कप्तान के सामने रखा। कप्तान ने ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से सुना और तत्काल उनके निस्तारण के आदेश दिये। पुलिस कप्तान के इस प्रयोग को जनता की ओर से सराहा गया है।
हरिद्वार के पुलिस कप्तान कृष्ण कुमार वीके खाकी की छवि को बेहतर बनाने में लगे है । पुलिस की वर्दी पर कोई दाग ना लगे इसके लिये पूरे जतन कर रहे है। पुलिस पर जनता का भरोसा पूरी तरह कायम होने चाहिये। जब जनता अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो पुलिस पर पीड़ितों की उम्मीद पर खरा उतरने की चुनौती हो। इसी के चलते पुलिस कप्तान ने ग्रामीण इलाके के खानपुर थाने में अपराध समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में दूर दराज के ग्रामीणों को बुलाया गया। पुलिस अधिकारियों को कर्तव्य बोध कराया गया। जनपद को अपराध मुक्त बनाने के लिये जनता और पुलिस को मिलकर कार्य करने का संदेश दिया गया। रात्रि गश्त में पुलिस को अलर्ट रहने के आदेश दिये गये। पुलिस कप्तान ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि पुलिस का काम जनता से मित्रता करके उनकी सेवा करना तथा सुरक्षा प्रदान करना होता है। इस बात का एहसास पुलिस अधिकारियों से लेकर कोतवाल और थाना प्रभारियों को कराया गया। कप्तान के ग्रामीण थाने में बैठकर जनपद के अपराधों की समीक्षा किये जाने को लेकर जनता में पुलिस का विश्वास बढ़ा है।

पुलिस के भ्रष्टाचार पर सख्त है कप्तान
हरिद्वार। हमेशा शांत दिखने वाले पुलिस कप्तान कृष्ण कुमार वीके पुलिस महकमे के भष्टाचार को लेकर पूरी तरह से सख्त है। वह पुलिस महकमे की शिकायतों पर पूरी गंभीरता से एक्शन लेते है। यही कारण है कि पुलिस कप्तान के आठ माह के कार्यकाल में कई पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबलों पर गाज गिरी है। कई दारोगाओं पर विभागीय जांच बैठाई गई है तो एक कांस्टेबल को जेल जाना पड़ा है। इसी के अलावा कई दूसरे मामलों में गोपनीय स्तर पर जांच कराई जा रही है।