हरिद्वार। उदासीन अखाड़े के कोठारी महंत मोहन दास की संदिग्ध परिस्थितियों में गुमशुदगी पुलिस के लिये चिंता का सवब बनती जा रही है। महंत को जमीन निगल गई या आसमान ये सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है। पुलिस महंत की बरामदगी के लिये हवा में हाथ पैर मार रही है। लेकिन पुलिस की तमाम कोशिश अभी तक विफल साबित हुई है। मंहत का कहीं कोई सुराग नहीं लग पाया है। वही दूसरी ओर संत समाज लगातार पुलिस पर मंहत की बरामदगी को लेकर प्रेशर बना रहा है। पुलिस को अल्टीमेटम दे रहा है। पुलिस पूरे प्रकरण में फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। महंत की सकुशल बरामदगी हो पुलिस ये प्रयास जारी है।
कनखल के उदासीन अखाड़े के कोठारी महंत विगत शुक्रवार की रात्रि मुंबई जाने के दौरान लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस ट्रेन में हरिद्वार स्टेशन से चढ़े थे। इसके बाद वह कहां लापता हो गये। ये किसी को पता नहीं चल पाया। जब मोहनदास के लापता होने की खबर बाहर आई तो संत समाज, राजनीति जगत और पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई। महंत की बरामदगी कराने को लेकर पुलिस कप्तान कृष्ण कुमार वीके ने पुलिस की कई टीमें बराकर दिल्ली और तमाम स्थानों पर रवाना की गई। सर्विलांस की मदद ली गई। लोकेशन को ट्रेस करने का प्रयास किया गया। लेकिन घटना के चार दिन बीतने के बाद भी महंत का कोई सुराग नहीं मिल पाया। मंहत की बरामदगी को लेकर संत समाज आक्रोषित होने लगा। संतों की बैठकों के दौर शुरू हो गये। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने भी पुलिस पर महंत की सकुशल बरामदगी को लेकर दबाव बनाया। लेकिन पुलिस कानून के मुताबिक अपने स्तर से पूरे प्रयास कर रही है। पुलिस सभी संभावनों का ध्यान में रखते हुये पूछताछ कर रही है। महंत के किन-किन लोगों से संबंध है ये सब पता कराने में जुटी है। महंत मोहनदास की हर छोटी सी जानकारी पर भी पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है। इस सबके बावजूद पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। पुलिस कप्तान कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि पुलिस महंत की सकुशल बरामदगी को लेकर कानून के मुताबिक पूरी निष्ठा से काम कर रही है। कोई लापरवाही नहीं की जा रही है। जल्द ही पुलिस किसी नतीजे पर पहुंच जायेगी।
महंत को जमीन निगल गई या आसमान, चार दिन बाद भी नहीं लगा कोई सुराग


