पत्रकारों की जिंदगी से मोदी सरकार को नहीं कोई सरोकार जानिये पूरी खब




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नवीन चौहान,हरिद्वार। लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ मीडिया असुरक्षित है। जनता के सामने सच को परोसने वाले पत्रकारों की आये दिन हत्या हो रही है। पत्रकारों की सुरक्षा के लिये बनाये जाने वाले कानून पर केंद्र सरकार पूरी तरह से चुप्पी साधे है। देश के तमाम पत्रकार संगठनों की ओर से कानून बनाये जाने की आवाज बुलंद होने लगी है। प्रेस क्लब हरिद्वार ने भी पत्रकारों की सुरक्षा के लिये सख्त कानून बनाने की मांग की है। जिसके संबंध में एक ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया हुआ है। इन हालातों में देश के सभी पत्रकारों को एकजुट होकर अपनी आवाज को उठाना होगा।
अखबारों, टीवी चैनल और सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के समक्ष सच परोसने का काम करने वाले पत्रकारों का जीवन असुरक्षित होने लगा है। गत एक दशक से पत्रकारों की हत्या किये जाने के कई मामले प्रकाश में आये है। देश के तमाम राज्यों में पत्रकारों की हत्या की गई है। पत्रकारों पर झूठे मुकदमों की संख्या की तो कोई गिनती नहीं है। लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ मीडिया जो कि सत्ता के सबसे करीब होता है। अपनी आवाज नहीं उठा पा रहा है। मीडिया घरानों की आपसी प्रतिस्पर्धा और पत्रकारों की आपसी कलह ने पत्रकारों को कमजोर और असहज कर दिया है। अपनी जान को खतरे में डालकर सच खोजने वाले पत्रकारों को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। हाल के दिनों में गौरी लंकेश की हत्या हुई। देश के चुनिंदा पत्रकार संगठनों ने आवाज बुलंद की। प्रेस क्लब हरिद्वार ने तो अध्यक्ष मनोज सैनी और महामंत्री अमित गुप्ता के नेतृत्व में एक दिन का सांकेतिक धरना दिया। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्रकार सुरक्षा कानून के संबंध में एक ज्ञापन भी दिया। ताजा मामला त्रिपुरा का है। जहां एक 27 साल के नौजवान पत्रकार शांतुन की हत्या कर दी गई। ऐसे में सवाल उठता है कि पत्रकारों की हत्या कब तक होती रहेगी। देश की सरकार कब जायेगी। प्रेस क्लब हरिद्वार के ज्ञापन का कब संज्ञान लेगी।

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पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर हरिद्वार प्रेस क्लब पूरी तरह से संजीदा है। महाराष्ट्र की तर्ज पर ही उत्तराखंड के पत्रकारों के लिये कानून बनाने की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया जायेगा। अभी एक मौन जुलूस कार्यक्रम निकालने की तैयारी की जा रही है। जिसमें हरिद्वार जनपद के सभी पत्रकारों को शामिल किया जायेगा। पत्रकार सुरक्षा कानून बनने तक आवाज को बुलंद रखा जायेगा।
मनोज सैनी -प्रेस क्लब अध्यक्ष, हरिद्वार
भारत में लोकतंत्र है और पत्रकारों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। लेकिन इस लोकतंत्र की जड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े रक्षक पत्रकारों के लिये कमजोर पड़ती जा रही है। यही कारण है कि आये दिन पत्रकारों पर हमले हो रहे है। उनकी हत्या हो रही है। जबकि केंद्र व राज्य सरकार सो रही है। देश के सभी पत्रकारो को एकजुट होकर सरकार पर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिये दबाव बनाना होगा।
डॉ रजनीकांत शुक्ल-पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष हरिद्वार