स्टूडेंट ओलंपिक कर रहा देश के युवाओं में सर्वागीण विकास,भारत सरकार से मान्यता का इंतजार, जानिये पूरी खबर




Listen to this article

नवीन चौहान ,हरिद्वार। भारत के युवाओं में खेल व संस्कृति के क्षेत्र में प्रतिभाओं को तराशने का कार्य रहे स्टूडेंट ओलंपिक एसोसियेशन के पदाधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को परेशान है। इन पदाधिकारियों ने कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजे। लेकिन कोई जबाव नहीं आया। उनको टवीट किया। लेकिन वहां भी निराशा हाथ लगी। भारत सरकार के खेल मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौर से मिलने का समय मांगा। लेकिन वहां से भी कोई जबाव नहीं आया। एसोसियेशन ने अब उत्तराखंड के केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद से मदद की गुहार लगाई है। जिनके माध्यम से अपने मन की बात पीएम मोदी तक पहुंचायेंगे और भारत के युवाओं को खेल के क्षेत्र में स्वर्णिम अवसर प्रदान करेंगे।
स्टूडेंट ओलंपिक एसोसियेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात प्रदेश में सोसायटी एक्ट में रजिस्टर्ड संस्था है। इस संस्था की करीब 25 राज्यों में इकाईयां है। इस इकाईयों के माध्यम से ये संस्था चार साल से लेकर 14 साल तक के बच्चों को उनकी खेल प्रतिभा के अनुसार प्रशिक्षण देती है। जिसके बाद ओलंपिक खेलों का आयोजन कराकर उन खिलाड़ियों को आगे खेलने का अवसर प्रदान करती है। इस संस्था ने अभी तक चार ओलंपिक खेलों का सकुशल आयोजन कराया है। इसके अलावा संस्कृति के क्षेत्र में भी युवाओं को कई मंच प्रदान किये है। खेल और संस्कृति के क्षेत्र में इतना सब कुछ करने के बाद भी इस संस्था को भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने मान्यता नहीं दी है। जिसके चलते दूसरी संस्थायें व ओलंपिक एसोसियेशन स्टूडेंट ओलंपिक को फर्जी करार देते है। इसी स्टूडेंट ओलंपिक एसोसियेशन ने मान्यता के लिये मानव संसाधन मंत्रालय से अपने अस्तित्व को बचाने के लिये कई बार गुहार लगाई है। संस्था के पदाधिकारी पीएम मोदी और खेलमंत्री से मिलना चाहते है। स्टूडेंट ओलंपिक एसोसियेशन के सचिव डॉ प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि साल 2014 में इस संस्था को गुजरात में सोसायटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड कराया गया। संस्था खुद के निजी संसाधनों से विभिन्न राज्यों में चार स्टूडेंट ओलंपिक खेलों का आयोजन करा चुकी है। बच्चों की प्रतिभा निखारा गया है। हम इस मुहिम को आगे भी जारी रखेंगे।

d2c

25 राज्यों के 2800 बच्चों ने दिखाये प्रतिभा के जौहर
हरिद्वार के प्रेम नगर आश्रम में स्टूडेंट ओलंपिक एसोसियेशन की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में तीन दिनों तक भारत के 25 राज्यों से करीब 2800 बच्चों ने अपने जौहर दिखलाये। स्टूडेंट ओलंपिक एसोसियेशन की ओर से तमाम रहने खाने की व्यवस्था की गई। मोदी के स्वच्छता मिशन और बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं का संदेश दिया।
संस्था की प्रतिष्ठा के लिये लड़ाई जारी
स्टूडेंट ओलंपिक एसोसियेशन को भारत सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं चाहिये। संस्था के अध्यक्ष डॉ भगवत सिंह बनार का कहना है कि हमारी संस्था खेल के क्षेत्र में बच्चों के भविष्य को संवारने का कार्य कर रही है। संस्था सरकार से पैंसों की चाहत नहीं रखती है। सवाल प्रतिष्ठा का है। जब संस्था बेहतर कार्य कर रही है तो मानव संसाधन मंत्रालय को उसको मान्यता देकर भारत के युवाओं को अवसर प्रदान कराने चाहिये। दुनिया के 48 देशों में स्टूडेंट ओलंपिक को मान्यता प्राप्त है। भारत में भी स्टूडेंट ओलंपिक की शुरुआत हो चुकी है।