-सीएम, केबिनेट मंत्री, विधायक और डीएम एसडीएम ने भी नहीं सुनी पत्रकार की आवाज
नवीन चौहान हरिद्वार। देहात का एक पत्रकार अवैध अतिक्रमण हटवाने के मामले में मुख्यमंत्री, शहरी विकास मंत्री, जिलाधिकारी और एसडीएम सहित तमाम अधिकारियों के ऑफिसों के चक्कर लगा चुका है। पत्रकार की शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। अतिक्रमण गांव के ही पूर्व प्रघान ने किया है। पीडित पत्रकार ने खुद मीडिया के सामने आकर मदद करने की गुहार लगाई है। मामला भगवानपुर क्षेत्र का है।
भगवानपुर के गांव शाहपुर निवासी जान आलम पुत्र जमील पेशे से पत्रकार है। जान आलम ने प्रेस क्लब हरिद्वार पहुंचकर पत्रकारों को बताया कि उसी के गांव के उस्मान पुत्र महमूद पूर्व प्रधान है। उस्मान ने अपने साथी अशोक पुत्र चंदू और अधम सिंह पुत्र ओमपाल लोधी के साथ मिलकर सार्वजनिक रास्ते को अनधिकृत तरीके से कब्जाकर अवैध दुकानों का निर्माण कर दिया है। इन अवैध दुकान बनाने की शिकायत प्राधिकरण से की गई। लेकिन प्राधिकरण ने मामले में परदा डाल दिया। जिससे आरोपी तत्वों के हौसले बुलंद हो गये। उस्मान व उसके दोनों साथी दुकानों का निर्माण करने में सफल हो गये । सडक पर इन अवैध दुकानों के बनने से रास्ता संकीर्ण हो गया है। रास्ते से गुजरने वाले लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड रहा है। उन्होंने इस मामले की शिकायत भगवानपुर की विधायक ममता राकेश से की। लेकिन वहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद क्षेत्र के एसडीएम व डीएम दीपक रावत को शिकायती प़त्र दिया गया। वहां से भी निराशा हाथ लगी। आखिरकार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से मदद की गुहार लगाई गई। पीडित पत्रकार को कोई न्याय नहीं मिल पाया। जिसके बाद पीडित जान आलम ने एक बार फिर पत्रकारों से अपनी आवाज उठाने की गुहार लगाई है। पीडित जान आलम ने बताया कि प्रशासन अवैध तरीके से रास्ते को कब्जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर आम रास्ते को कब्जामुक्त कराकर जनता को राहत प्रदान करें।