नवीन चौहान
हरिद्वार। उत्तराखण्ड संस्कृत विश्व विद्यालय की पूर्व कुलपति डा. सुधारानी पाण्डेय के खिलाफ पद का दुरूपयोग कर फर्जी नियुक्ति मामले में धोखाधड़ी की संगीन धाराओं में मुकद्मा दर्ज किया गया है। गढ़वाल आयुक्त की जांच में सुधा रानी को दोषी पाया गया। जिसके बाद वर्तमान कुलपति पीयूषकांत दीक्षित ने पुलिस को तहरीर दी। पुलिस मामले की विवेचना में जुट गई है।
बहादराबाद थाना प्रभारी मनोहर भण्डारी ने बताया उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पीयूषकांत दीक्षित ने तहरीर दी। तहरीर में बताया कि डा. सुधारानी पाण्डेय उत्तराखण्ड संस्कृत विवि में वर्ष 2010 में कुलपति के पद पर तैनात थीं। इस दौरान उन्होंने 12 लोगों की नियुक्ति विश्व विद्यालय में की। इन नियुक्तियों में डा. सुधारानी पाण्डेय ने अपने पद का दुरूपयोग किया। मामले की शिकायत गढ़वाल आयुक्त से की गई। गढ़वाल आयुक्त ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जांच की। जांच में डा. सुधारानी पाण्डेय को पद के दुरूपयोग करने का दोषी पाया गया।
शासन स्तर पर जांच होने के बाद मौजूदा कुलपति डा. पीयूषकांत दीक्षित ने इस बारे में एसएसपी हरिद्वार को शिकायती पत्र दिया था। एसएसपी के निर्देश पर शुक्रवार देर शाम बहादराबाद थाने में डा. सुधा रानी पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पूर्व कुलपति के साथ-साथ नियुक्ति पाने वाले एक प्रोफेसर और 11 असिस्टेंट प्रोफेसर भी कार्रवाई की जद में आ गए हैं।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय वजूद में आने के बाद से सुर्खियों में रहा है। कभी शिक्षकों की नियुक्तियों पर सवाल उठे तो कभी कुलपति की महंगी कुर्सी की डिमांड विश्वविद्यालय को चर्चाओं में लाई। वर्ष 2010 में डा. सुधा रानी पांडेय विश्वविद्यालय की कुलपति रही हैं। उनके समय में एक प्रोफेसर और 11 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां की गई थी। समय समय पर इन नियुक्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई बार राजभवन तक शिकायतें हुई और जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए। लेकिन कार्रवाई कभी नहीं हुई। लंबे समय से यह प्रकरण ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। हालांकि अलग अलग शिकायतों पर शासन स्तर पर जांच चलती रही। पुलिस के मुताबिक विश्वविद्यालय के मौजूदा कुलपति पीयूषकांत दीक्षित ने बीते 31 अगस्त को एक शिकायती पत्र एसएसपी हरिद्वार को दिया था। शासन स्तर पर सचिव से कराई गई जांच की रिपोर्ट भी एसएसपी को दी गई। एसएसपी ने शिकायती पत्र और सचिव की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश बहादराबाद पुलिस को दिए। देर शाम पुलिस ने डा. सुधारानी पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार की पूर्व कुलपति डा. सुधा रानी पांडेय का कहना है कि मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की जानकारी अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आई है। मुझे सेवानिवृत्त हुए भी सात साल हो चुके हैं, ठीक से कुछ याद नहीं है। इसलिए इस बारे में कोई कमेंट नहीं करुंगी। लेकिन इतना जरूर कहूंगी कि मेरे कार्यकाल में सभी कार्य नियमानुसार किए गए।
उत्तराखण्ड संस्कृत विवि की पूर्व कुलपति पर धोखाधड़ी का मुकद्मा दर्ज



