नवीन चौहान, हरिद्वार। उत्तराखंड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य को अपने ही परिवहन विभाग के राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य का सही आंकड़ा मालूम नहीं है। उन्होंने पहले राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य लगभग 860 करोड़ बताया। जब उनको अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने तत्काल संसोधित करते हुये राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को 660 करोड़ बताया। उन्होंने कहा कि गत वर्षो की तुलना में इस बार राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य बढाया गया है। उम्मीद है कि हम इस लक्ष्य से आगे जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। राज्य की सभी सरकारों ने वर्ल्ड बैंक, नाबार्ड, एडीपी और एशियन डवलपमेंट बैंक से लोन लिया है। हमें कर्ज भी चुकाना है और ब्याज भी देना हैं। राज्य में नान प्लान का बजट बढ रहा है जबकि प्लान का बजट कम हो रहा है। ये राज्य के लिये अच्छे संकेत नहीं है। सरकार का वार्षिक बजट तो वेतन, भत्ते, पेंशन और तमाम खर्चो को पूरा करने में ही खत्म हो जाता है। मंगलवार को उत्तराखंड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य एक कॉलेज के कार्यक्रम में भाग लेने के लिये हरिद्वार के डाम कोठी पहुंचे। यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुये परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कई चौकाने वाली बातें की।
उन्होंने कहा कि राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिये दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य को अपने आर्थिक संसाधन जुटाने होंगे। नये संसाधनों की तलाश करनी होगे। राज्य को कमजोर वित्तीय स्थिति से उबरना होगा। अपने क्षेत्रों में कार्य करना होगा। अपने तमाम आर्थिक संसाधनों को बढाना होगा। जब न्यूज127डॉट कॉम ने परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से पूछा कि 17 सालों में सरकार का विजन कब बनेगा। इस पर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने राजनैतिक कौशल का परिचय देते हुए विपक्ष कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होनें कहा कि आज हम सरकार में है तो विपक्ष कहती है कि सरकार का कोई लक्ष्य नहीं है। विपक्ष कहती है कि सरकार की कोई दृष्टि नहीं है, सोच नहीं है। उन्होने कहा कि इस मुददे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए जबकि सकारात्मक राजनीति होनी चाहिए। विपक्ष अपनी राय दे ताकि हम अमल कर सकें। परिवहन मंत्री राज्य सरकार के विजन का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए बल्कि राजनैतिक बाकपटुता के चलते गोलमोल जवाब देते रहे। इस दौरान भाजपा नेता नरेश शर्मा, रंकित वालिया, अनिरूद्ध भाटी, मृदुल कौशिक उपस्थित रहे।