नवीन चौहान
हरिद्वार। बिजली विभाग के एक कर्मचारी ने सरकारी रकम को गबन करने का मामला प्रकाश में आया है। जनता ने बिल जमा कराने के नाम पर रकम वसूली करने के बाद भी उसको विभागीय खाते में जमा नहीं कराया गया। जब पीड़ितों के घरों पर पुराना बिल जोड़कर आया तो वह बिजली विभाग के दफ्तर पहुंच गये। जब अधिकारियों ने मामले की सच्चाई का पता तो उक्त कर्मचारी को सस्पेंड कर विभागीय जांच बैठा दी। उक्त कर्मचारी ने फिलहाल 26 हजार और छह लाख की रकम जमा करा दी है। विभाग संजीव की नौकरी लगने से लेकर वर्तमान कार्यकाल की पूरी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। मामला रूड़की के धनौरी क्षेत्र का हैं।
रूड़की डिवीजन के सब डिवीजन ऑफिस धनौरी में संजीव कुमार बतौर कैशियर के पद पर कार्य करता था। संजीव के पास गांव की जनता बिजली का बिल जमा कराने आते थे। संजीव बिल जमा करने के बाद उनको रसीद भी दे देता था। लेकिन जनता के पैंसे को विभाग में जमा नहीं कराता था। इस बात का पता तब चला जब लोगों के बिल जमा कराने के बाद भी पुराना बिल जोड़कर आ गया। पीड़ितों ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। अधिकारियों को जमा बिल की रसीद दिखाई गई। जनता की रसीदे देखने के बाद विभागीय अधिकारियों का पारा गरम हो गया। उन्होंने तत्काल संजीव को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश कर दिये। तथा संजीव को लोगों का पैंसा विभाग में जमा कराने का आदेश दिया। जब इस प्रकरण में एसडीओ गौतम कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उन दिनों मैं छुट्टी पर था। इस प्रकरण की जांच सर्किल आफिसर अधिशासी अभियंता हरि सिंह कर रहे है। संजीव ने काफी लोगों के पैंसे में हेराफेरी की है। जिसमें से कुछ रकम जमा भी कर दी है। जब अधिशासी अभियंता सर्किल आफिसर व जांच अधिकारी हरि सिंह से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि छह लाख की रकम और 26 हजार की रकम संजीव ने विभाग में जमा करा दी है। इस केस में सस्पेंड कर दिया गया है। उसकी नौकरी लगने से सस्पेंड होने तक पूरी रिपोर्ट बनायी जा रही है। जिसके आधार पर चार्जशीट बनायी जायेगी।