नवीन चौहान
हरिद्वार। अपराधी कितना भी बड़ा रसूकदार हो उसका ठिकाना जेल ही होता हैं। लेकिन ईमानदार पुलिस अफसरों का पहला कार्य पीड़ित जनता को न्याय दिलाना होता हैं। ईमानदारी और न्याय की कसौटी पर हरिद्वार जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वीके व उनकी टीम की महत्वपूर्ण सदस्य एसपी सिटी ममता वोहरा और एसपी क्राइम प्रकाश चंद्र आर्य इस कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं। कुख्यात सुनील राठी के नाम की धमकी प्रॉपर्टी डीलर को देने के पेंचीदा समझे जाने वाले मुकदमा पूरी तरह से उलझा हुआ था। पुलिस अफसरों की इस टीम ने केस को सुलझाकर अपराधियों की चेन मिलाकर एक मुश्किल कार्य को अंजाम पर पहुंचाया है। जिसके चलते पहली गिरफ्तारी आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली की होना संभव हो पाया है। कई अपराधी तत्व पुलिस के निशाने पर है। जबकि इसी प्रकरण में एक सीओ जेपी जुयाल को हरिद्वार जनपद से बाहर जाना पड़ा हैं।
हरिद्वार जनपद के एसएसपी कृष्ण कुमार वीके अपनी सादगी और ईमानदारी के लिये जाने जाते है। वह बिना किसी दवाब के निष्पक्ष विवेचना के पक्षधर है। लेकिन हरिद्वार के कनखल और हरिद्वार थानों में कुख्यात बदमाश सुनील राठी की धमकियों में दर्ज मुकदमे उनकी परेशानी का सबब बन रहे थे। इन सभी मुकदमों में धमकी देने वाला कुख्यात बदमाश सुनील राठी का नाम आ रहा था जबकि आरोपी में प्रॉपर्टी डीलर प्रद्युम्न अग्रवाल का नाम था। आपसी लेनदेन के इन मुकदमों में बदमाश सुनील राठी की एंटी एसएसपी के गले नहीं उतर रही थी। अचानक तीन साल पुराने विवाद में करीब छह मुकदमे समझ से परे हो रहे थे। इस तमाम मुकदमों की जांच कर रहे सीओ जेपी जुयाल एसएसपी कृष्ण कुमार को गलत तथ्य पेश कर रहे थे। जब व्यापारी संगठनों से जुडे़े लोगों ने प्रद्युम्न अग्रवाल के पक्ष में बदमाश सुनील राठी की धमकियों के सबूतों का पूरा पुलिंदा एसएसपी कृष्ण कुमार वीके के सामने रखा तो उनका माथा ठनक गया। उन्होंने तत्कालीन सीओ जेपी जुयाल को क्षेत्र से हटाकर गैर जनपद भेजने की संस्तुति कर दी। एसपी सिटी ममता वोहरा और एसपी क्राइम प्रकाश चंद्र आर्य ने मुकदमों और सबूतों का परीक्षण किया तो केस ही पलट गया। जिसके बाद कुख्यात सुनील राठी से संपर्क में रहने वाले आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली के नाम का पर्दाफाश हुआ। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके और एसपी सिटी ममता वोहरा, एसपी क्राइम पीसी आर्य और नगर कोतवाली प्रभारी चन्द्रभान सिंह अधिकारी, कनखल एसओ अनुज सिंह, रोड़ीबेलवाला चौकी प्रभारी कुलेंद्र रावत की टीम ने ईमानदारी से इस सच को बाहर निकालने और केस की तह में जाकर कई और नामों का खुलासा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हरिद्वार पुलिस ने ये साबित कर दिखाया है कि पुलिस का असली कार्य पीड़ित को इंसाफ दिलाना हैं। हरिद्वार पुलिस ने एक बार फिर जनता का दिल जीत लिया है। जिसके बाद से बदमाश के संपर्क में रहने वाले कई और लोगों में दहशत है।