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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की जनता की मांग पर भू कानून में संसोधन कर दिया। उत्तराखंड से बाहर के लोगों को 11 पर्वतीय जिलों में जमीन खरीदने पर पाबंदी कर दी। जबकि हरिद्वार और उधमसिंह नगर को भू कानून के दायरे से बाहर रखा गया। जिसके बाद बाहरी राज्यों के हरिद्वार और उधमसिंह नगर में जमीनों में निवेश करने की संभावना बढ़ जायेगी और यहां जमीनों के दाम आसमान छूने लगेंगे।
हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने सख्त भू कानून को जनता की मांग के अनुरूप पूरा किया है। भू कानून के संसोधित ड्राफ्ट को मौजूद विधानसभा सत्र में पेश कर मंजूरी दिलाई। जिसके बाद से बाहरी राज्यों के लोग अब उत्तराखंड के 11 जनपदों में जमीन नही खरीद सकेंगे।
पहाड़ों की खूबसूरती और देवभूमि के वजूद को बचाए रखने के लिए इस कानून की बेहद सख्त जरूरत भी महसूस की जा रही थी। लेकिन यह खूबसूरती और वजूद तभी कायम रह पायेगा जब उत्तराखंड से पलायन पूरी तरह से रूक जाए।
उत्तराखंड में पलायन एक बहुत बड़ी समस्या है। यहां पहाड़ों के घर वीरान पड़े हुए है। रोजगार की तलाश में निकले लोगों से दोबारा अपने घरों में वापिसी नही की। उनके घरों में ताले लटके हुए है। जबकि मूलभूत सुविधाओं का पूरी तरह से अभाव आज भी बना हुआ है। पहाड़ों पर चिकित्सक सेवाएं देने को राजी नही है। पर्वतीय इलाकों में अच्छे हॉस्पिटल की कमी देखने को मिलती है। पर्वतीय इलाकों की भूमि बहुत उपजाऊ है। लेकिन यहां खेती करना आसान नही है। संसाधनों का बहुत अभाव है।
साल 2018 में भू कानून में संसोधन भी तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए किया था। ताकि उत्तराखंड से पलायन की समस्या पर रोक लगाई जा सके। बाहरी राज्यों के लोग उत्तराखंड में निवेश करेंगे तो यहां कारोबार में बढोत्तरी आयेगी और स्थानीय लोगों की दशा और दिशा में बदलाव देखने को मिलेगा। पलायन थम जायेगा और बच्चे अपने माता पिता के पास रहकर रोजगार कर सकेंगे। इसका असर भी देखने को मिला। उत्तराखंड में पर्यटन के कारोबार में बढोत्तरी हुई। जनता को सुविधा मिली तो उन्होंने उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार को पंख लगा दिए।
लेकिन अब चूंकि भू कानून लागू हो चुका है तो उत्तराखंड के निवासियों को पलायन करने से अपने कदम पीछे लाने होगे। अपने प्रदेश में रहकर ही खेतीबाड़ी मे अपने पैर जमाने होंगे। नए भू कानून की सार्थकता तभी है जब आप अपने परिवार के साथ रहकर अपनी भूमि पर रहे।
नही तो कारोबारियों तो व्यापार में निवेश करने के लिए स्वतंत्र है। उनको तो पैंसा लगाना है। पहाड़ नही तो हरिद्वार ही सही। हरिद्वार में लगातार प्रॉपटी के दाम आसमान छू रहे है। यही कारण है कि हरिद्वार की जनसंख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
PROPERTY IN HARIDWAR भू—काूनन लागू होने के बाद हरिद्वार में जमीनों के दाम छू लेंगे आसमान



