नवीन चौहान
हरिद्वार। धर्मनगरी में खनन के पट्टे खुलने के साथ ही अवैध खनन का खेल शुरू होने के आरोपों का दौर शुरू हो गया है। खनन माफिया एक दूसरे माफियाओं को चोट पहुंचाने और उनके वाहन सीज कराने के लिये झूठी सूचनाओं को प्रचारित कर रहे है। वीडियो बनाकर एसएसपी से लेकर डीजीपी तक भेज रहे है। जब एसएसपी ने मौके पर जाकर जांच कराई गई तो सभी सूचनायें झूठी पाई गई। थाने के सिपाहियों पर माफियाओं से मिलीभगत की सूचनायें भी झूठी पाई गई। ऐसे में सवाल उठता है कि रात्रि में वीडियों बनाकर एसएसपी और डीजीपी तक कौन भेज रहा है। मामला मंगलौर कोतवाली क्षेत्र का है।
मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में बुग्गियों से अवैध खनन होने का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियों बनाने वाले ये सूचना प्रचारित की मौहम्म्दपुर जट नारसन पुलिस चौकी क्षेत्र में रात्रि में बुग्गी और टैक्टर टालियों में अवैध खनन सामग्री ले जाई जा रही है। खनन सामग्री निकालने के लिये बाकायदा एक डंपर वाहन को लगाया गया है। देर रात्रि शुरू हुआ अवैध खनन का खेल भोर बेला तक चल रहा है। जब ग्रामीण अवैध खनन की सूचना कोतवाली प्रभारी को देते है तो वह चेकिंग करने निकलते है। लेकिन कोतवाल के पहुंचने से पूर्व खनन माफिया रास्ते से गायब हो जाते है। जिसके चलते कोतवाल की पकड़ में खनन माफिया हत्थे नहीं चढ़ पा रहे है। जब वीडियों की जानकारी एसएसपी कृष्ण कुमार वीके को लगी तो उन्होंने गोपनीय स्तर पर जांच कराई। खुद मौके पर जाकर निरीक्षण किया। एसएसपी को किसी स्थान पर अवैध खनन होने का तस्दीक नहीं हुआ। इसके बाद ये सवाल उठने लगा कि आखिरकार रात्रि में पुरानी वीडियो डालकर क्या संदेश देना चाहते है। जब मंगलौर कोतवाली प्रभारी से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने अवैध खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित होने की जानकारी दी।