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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए हरिद्वार जिले में अवैध रूप से संचालित 48 स्टोन क्रशरों को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश मातृ सदन, हरिद्वार द्वारा दायर जनहित याचिका संख्या 15/2022 पर सुनवाई के दौरान पारित किया गया।
कोर्ट ने साफ कहा कि ये स्टोन क्रशर पूर्व में 03 मई 2017 को पारित आदेश के बावजूद अवैध रूप से संचालित हो रहे थे, जो न्यायालय की अवमानना एवं कानून का गंभीर उल्लंघन है।
माननीय खंडपीठ ने हरिद्वार के जिलाधिकारी (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को कड़े निर्देश दिए हैं कि— सभी 48 स्टोन क्रशरों का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए। उनकी बिजली एवं जल आपूर्ति भी तत्काल काटी जाए। कार्रवाई की अनुपालन रिपोर्ट शीघ्र न्यायालय में प्रस्तुत की जाए।
मातृ सदन की ओर से कोर्ट की तमाम जानकारी के बारे में मीडिया को बताया कि यह आदेश राज्य में पर्यावरण संरक्षण और अवैध खनन पर रोकथाम की दिशा में एक बड़ी कानूनी कार्रवाई मानी जा रही है। यह निर्णय भविष्य में खनन माफिया पर अंकुश लगाने और कानून के अनुपालन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
मातृ सदन, हरिद्वार द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया था कि अवैध खनन एवं स्टोन क्रशरों के संचालन से न केवल पर्यावरण को गंभीर क्षति हो रही है, बल्कि पूर्व के न्यायालय आदेशों की भी खुलेआम अवहेलना की जा रही है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला: हरिद्वार के 48 अवैध स्टोन क्रेशर तत्काल बंद करने के आदेश




