सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का आह्वान: हिमालय संरक्षित तो जल, जंगल और जीवन सुरक्षित




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news127, नई दिल्ली
पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत पर्यावरण संरक्षण और वनाग्नि जैसी गंभीर समस्याओं पर आधारित लघु फिल्म ‘हिमालय की हृदय विदारक पुकार’ को देखकर बेहद भावुक हो गए। उन्होंने ​कहा कि हिमालय संरक्षित रहेगा तो जल, जंगल और जीवन सुरक्षित रहेगा। उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह फिल्म केवल दृश्य नहीं, बल्कि चेतावनी है — हिमालय संकट में है, और यदि हिमालय नहीं बचा तो जीवन भी नहीं बचेगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हिमालय केवल भूगोल नहीं, हमारी जीवन रेखा है।
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वह पर्यावरण प्रेमी है। पौंधे लगाना उनका पसंदीदा कार्य है। उन्होंने कहा कि आज हिमालय को बचाने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वन अग्नि जैसी आपदाओं से लड़ने के लिए केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं, बल्कि जनभागीदारी और व्यापक जनजागरण ही सबसे प्रभावी समाधान हैं। श्री रावत ने उपस्थित सभी हिमालय प्रेमियों से आह्वान किया कि वे प्रकृति की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएँ और हिमालय के संरक्षण को जन आंदोलन बनाएं।
सांसद रावत ने इस सार्थक पहल के लिए थ्री मस्किटर्स मीडिया और महावीर राधा जांगड़ा को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार की फिल्में जनमानस को झकझोरने और पर्यावरणीय चेतना जगाने में अहम भूमिका निभाती हैं। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने भी हिमालय के पारिस्थितिकीय संतुलन, पर्यावरणीय संवेदनशीलता, और वनाग्नि की रोकथाम जैसे विषयों पर विचार रखे।

उपस्थित विशिष्टजन
कार्यक्रम में नमामि गंगे अभियान से जुड़े पर्यावरणविद् डॉ. भरत पाठक, डॉ. अपर्णा सोपोरी, शिक्षाविद डॉ. ऋचा सूद, अंतरराष्ट्रीय एथलीट पद्मश्री कमलिनी अस्थाना एवं पद्मश्री नलिनी अस्थाना (विश्व प्रसिद्ध कथक नृत्यांगनाएं) सहित बड़ी संख्या में हिमालय प्रेमी, पर्यावरण कार्यकर्ता और छात्र उपस्थित रहे।