सीबीसीआईडी ने 50 हजार के इनामी को दबोचा, आरोपी ने हरिद्वार में की लाखों की ठगी




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हरिद्वार।
हरिद्वार के लोगों की मेहनत और खून–पसीने की कमाई को निवेश कराने के नाम पर ठगी करने वाले धेनु एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार तिवारी को सीबीसीआईडी की टीम ने मुंबई के कल्याण क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बीते सात सालों से फरार चल रहा था। पुलिस की ओर से 50 हजार का इनाम घोषित​ किया गया था।
आरोपी मास्टर माइंड ने अपनी कंपनी में आकर्षक योजनाओं का झांसा देकर 12 लाख 26 हजार 800 रुपये की ठगी को अंजाम दिया था।

धेनु एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार तिवारी ने ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में अपना कार्यालय खोला। आरोपी ने साल 2018 में क्षेत्र के लोगों को अपने झांसे में लेना शुरू कर दिया। आरोपी अनिल ने उनके धन को अपनी कंपनी में आरडी, एफडी, बोनस स्कीम और डबल मनी प्लान शामिल में निवेश कराकर धन हासिल किया। शातिर ठग ने पीड़ितों को धन की एवज में फर्जी बॉन्ड और प्रमाणपत्र थमा दिए। जिसके बाद आरोपी अपना कार्यालय बंद करके फरार हो गया। पीड़ितों ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। तत्कालीन एसएसपी ने मामलें की गंभीरता देखते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। जबकि विवेचना ईओडब्लू सीबी सीआईडी को दे दी गई।
आरोपी अनिल पुलिस के हत्थे नही चढ़ पाया। जिसके चलते अपर पुलिस महानिदेशक ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया। सीबी सीआईडी की टीम सरगर्मी से आरोपी की तलाश में जुट गई।
सीबीसीआईडी खंडाधिकारी मनोज कुमार ठाकुर के नेतृत्व में
बनाई गई विशेष टीम ने अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए महीनों तक रणनीतिक काम किया। टीम ने लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दी, मुखबिरों को सक्रिय किया और तकनीकी निगरानी के आधार पर अंततः अभियुक्त की लोकेशन मुंबई के कल्याण–टिटवाला क्षेत्र में ट्रेस की। 07 दिसंबर 2025 को पकड़ने में सफलता मिली। गिरफ्तारी के बाद अनिल तिवारी को जिला ठाणे की स्थानीय अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड हासिल किया गया, जिसके बाद उसे हरिद्वार लाया जा रहा है।
अभियुक्त और उसके साथी देवेंद्र प्रकाश तिवारी (सीईओ) के खिलाफ कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 9 उत्तर प्रदेश में और एक गंभीर मामला हरिद्वार में चल रहा है। हरिद्वार में दर्ज मुकदमे में निवेशक हित संरक्षण, चिटफंड प्रतिबंध व RBI अधिनियम जैसे सख्त प्रावधान शामिल हैं।