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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार दोपहर अचानक परेड ग्राउंड पहुंचकर आंदोलन कर रहे युवाओं से सीधे संवाद करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गत सप्ताह आयोजित परीक्षा प्रकरण में सीबीआई जांच कराने की सहमति दे दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा के बाद आंदोलन खत्म हो गया।
सीएम ने युवाओं से कहा– परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी में आंदोलन कर रहे युवाओं को देखकर उन्हें खुद अच्छा नहीं लगता। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का एकमात्र उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा, “उत्तराखंड के युवा और छात्र सरकारी नौकरी के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं और उनके जीवन में बड़े सपने होते हैं। मैंने खुद छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए यह अनुभव लिया है।”
एसआईटी जांच जारी, फिर भी सीबीआई जांच का फैसला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है। इसके बावजूद युवाओं की मांग पर सरकार ने सीबीआई जांच की संस्तुति करने का निर्णय लिया। सीएम पुष्कर धामी ने कहा, “युवाओं के मन में किसी भी तरह का संदेह न रहे, इसके लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीबीआई जांच में कोई रुकावट नहीं आएगी।”
धरना स्थल पर जाकर की युवाओं से बातचीत
सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि यह बातचीत कार्यालय में भी की जा सकती थी, लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए उन्होंने खुद धरना स्थल पर जाकर संवाद किया। पुष्कर धामी ने कहा, “पिछले चार वर्षों में सरकार ने पारदर्शी तरीके से 25,000 से अधिक सरकारी भर्तियां की हैं। सिर्फ इस एक प्रकरण में शिकायत आई है। इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका मिटाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”
आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे होंगे वापस
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने यह भी घोषणा की कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कोई मुकदमे दर्ज हुए हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी ताकि अमृतकाल के विकसित भारत में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा के बाद जहां एक ओर युवाओं में सरकार के प्रति विश्वास कायम हुआ। वही दूसरी ओर इस प्रकरण पर राजनैतिक रोटियां सेंक रहे सियासी दलों को झटका लगा है।