1347 सहायक अध्यापक और 109 समीक्षा एवं सहायक समीक्षा अधिकारियों को मिली नियुक्ति
चार साल में 26 हजार से अधिक युवाओं को मिली सरकारी नौकरी
देहरादून।
उत्तराखंड के युवाओं के लिए मंगलवार का दिन यादगार बन गया जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून मेडिकल कॉलेज, पटेलनगर में आयोजित भव्य समारोह में 1456 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इनमें लोक सेवा आयोग से चयनित 109 समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी तथा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से चयनित 1347 सहायक अध्यापक (एल.टी.) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह केवल नौकरी प्राप्त करने का क्षण नहीं, बल्कि राज्य के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक नई शुरुआत है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति पाने वाले युवा अब उत्तराखंड के विकास यात्रा के सक्रिय सहभागी बनेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि किसी भी राज्य की शासन व्यवस्था की रीढ़ उसका प्रशासनिक ढांचा होता है। सचिवालय को उन्होंने शासन व्यवस्था का “मस्तिष्क” बताते हुए कहा कि नीतियों का निर्माण, निर्णयों का क्रियान्वयन और विकास परियोजनाओं का धरातल पर उतारना—सब इसी प्रणाली से संभव होता है, जिसमें समीक्षा अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
शिक्षकों की भूमिका पर बल देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि “जब एक बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलती है, तो वह केवल अपने जीवन को नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के भविष्य को भी संवारता है।” उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान नहीं देते, बल्कि बच्चों में जिम्मेदारी, नैतिकता और नागरिक चेतना का संचार करते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिजिटलीकरण और स्मार्ट क्लासरूम तक, शिक्षा के हर स्तर पर व्यापक सुधार किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि बीते चार वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। यह संख्या राज्य गठन के बाद पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में दी गई कुल नौकरियों से दो गुना से अधिक है। उन्होंने कहा कि आज राज्य में भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और मेरिट आधारित है।
उन्होंने हाल ही में हरिद्वार परीक्षा केंद्र में नकल प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि “सरकार ने तुरंत एक्शन लिया, आरोपी को गिरफ्तार किया गया और एसआईटी गठित की गई। युवाओं की मांग पर हमने सीबीआई जांच की संस्तुति करते हुए परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं युवाओं के बीच जाकर उन्हें आश्वस्त कर चुके हैं कि राज्य सरकार उनके हर न्यायोचित हित की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा विभाग में नियुक्तियों का सिलसिला यहीं नहीं थमेगा। जल्द ही बीआरपी, सीआरपी, बेसिक अध्यापक और चतुर्थ श्रेणी पदों पर भी नियुक्तियाँ दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएँ देनी होंगी, जिससे राज्य के हर कोने में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचे।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, विधायक विनोद चमोली, सचिव रविनाथ रमन, दीपेन्द्र चौधरी और शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।