नाराज विधायकों के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा बदला, नाम बदला लेकिन नही बदला तो……




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नवीन चौहान
उत्तराखंड के नाराज भाजपा विधायकों की संतुष्टि के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर चेहरा बदला, नाम बदला लेकिन नही बदला तो वह गुण है। जी हां पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरह ही सरल स्वभाव के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत है। उनका राजनैतिक और सार्वजनिक जीवन पारदर्शी रहा। भाजपा संगठन के प्रति वफादार रहे है। जनहित के फैसले लेने में तत्पर रहते है। ऐसे में नाराज विधायको के मंसूबों को पूरा करने में तीरथ सिंह रावत कितना सफल होंगे यह देखने वाली बात है। विधायकों की सबसे बड़ी नाराजगी तो नौकरशाहों को लेकर थी। विधायकों की नाराजगी का सबसे बड़ा कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत की ईमानदारी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन विधायकों की जिदद को पूरा करने के लिए उत्तराखंड की सियायत पर भूचाल लाया गया तो क्या बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिलेगा। जनपदों में नए जिलाधिकारी और एसएसपी देखने को मिलेगे।
पिछले चार दिनों से चल रहे राजनैतिक ड्रामे का अंत हो गया। प्रदेश को नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मिल गए। लेकिन अब सबकी जुबां पर एक ही सवाल है कि नए मुख्यमंत्री कैसे होंगे। क्या कुछ नया करेंगे। प्रदेश में माफियाओं की लाटरी लगेगी या त्रिवेंद्र सरकार की तरह ही उनको मुंह की खानी पड़ेगी। विधानसभा के दरवाजे माफियाओं के लिए बंद रहेंगे। अगर कुल मिलाकर कहा जाए तो कुछ भी नहीं बदला। अगर बदला है तो नाम और चेहरा। माफियाओं के लिए तीरथ सिंह रावत के दरवाजे बंद ही रहेंंगे।