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हरिद्वार पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह का खुलासा करते हुए चुराए गए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है। बच्चा चोरी की इस घटना का 72 घंटे के भीतर खुलासा करते हुए पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया है। मां के पास सो रही तीन माह की बच्ची को चुराकर उसका सौदा 4 लाख 90 हजार में सौदा किया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लाख नकद बरामद किये जबकि ऑनलाइन भेजी गई 1 लाख की रकम को खाते में फ्रीज कराया है।
थाना कलियर पुलिस के मुताबिक 11 अक्टूबर 2025 को अमरोहा ज्योतिबा फुले नगर निवासी जहीर अंसारी ने थाना कलियर आकर पुलिस से मदद की गुहार लगाते हुए बताया कि वह अपनी पत्नी और तीन माह के बेटे के साथ जियारत के लिए कलियर आया था। दिनांक 10/11 अक्टूबर की रात बिताने के लिए पति-पत्नी और बच्चा एक दुकान के पास रुक गए। देर रात दो महिलायें उनके पास आई और कुछ लोगों द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत करते हुए वहां रुक गई। इस दौरान दोनों अंजान महिलाओं ने दंपत्ति से जान पहचान बढ़ाई और घुलना-मिलना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद अंजान महिलाओं में से एक शिकायतकर्ता को चाय पिलाने के बहाने अपने साथ ले गई। इस दौरान दूसरी महिला सो रही उसकी पत्नी की गोद से बच्चा चुराकर रफूचक्कर हो गई।
थानाध्यक्ष कलियर द्वारा पूरे प्रकरण की जानकारी दिए जाने पर एसएसपी ने तुरंत मुकदमा दर्ज करने के आदेश देते हुए कलियर व आसपास के थानों की संयुक्त टीमें गठित कर बच्चे की जल्द तलाश के निर्देश जारी किए गए तथा टेक्निकल सपोर्ट के लिए सीआईयू रुड़की प्रभारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जुटाए गए मैनुअल एवं डिजिटल साक्ष्यों का पीछा करते हुए पुलिस टीम मेरठ पंहुची तो उनके हाथ इस पूरी वारदात की एक अहम कड़ी लगी जिसका नाम था आस मोहम्मद लंगड़ा। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पहले आस मौहम्मद की पत्नी शहनाज (अज्ञात महिलाओं में से एक) और फिर सलमा (दूसरी अज्ञात महिला) तक पहुंची और उनसे पूरे घटनाक्रम की विस्तृत पूछताछ की। पूछताछ में बच्चा चोरी के बाद उसके बेचने की पूरी चेन की परत खुली और पुलिस टीम ने अन्य संदिग्ध महिला अंचन, नेहा शर्मा और बच्चे के अन्तिम खरीददार विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची को दबोचा।
पुलिस की पकड़ में आए विशाल गुप्ता की शादी को 10 साल होने के बाद भी कोई संतान नही थी जिस कारण वह अपना और अपनी पत्नी का प्रेम अस्पताल मेरठ में इलाज करा रहा था। जहां नेहा शर्मा बतौर पैसेन्ट कोर्डिनेटर काम कर रही थी। इलाज के दौरान विशाल गुप्ता ने नेहा शर्मा को बताया कि अगर कोई गरीब अपने बच्चों की परवरिश नहीं कर पा रहे हैं तो वह बच्चे का लालन-पालन करने को तैयार हैं। ये बात जानकर नेहा शर्मा एवं अन्य ने कलियर जैसे भीड़भाड वाले इलाके से बच्चा चोरी का प्लान बनाया। योजना के मुताबिक बच्चा चोरी करने में सफल होने पर शहनाज व सलमा (अज्ञात महिलाओं) को आस मोहम्मद लंगड़ा बुक की गई स्विफ्ट डिजायर के जरिए बच्चे सहित कलियर से लेकर फरार हो गया था। इन्होंने बच्चा तीन लाख में अंचन को और अंचन द्वारा तीन लाख नब्बे हजार में नेहा शर्मा को बच्चा बेचा गया। अन्त में नेहा शर्मा ने भी 1 लाख रुपये का प्रॉफिट कमाते हुए बच्चे को चार लाख नब्बे हजार रुपये में विशाल गुप्ता को बेच दिया गया।
सघन पूछताछ से उपरोक्त नाबालिक शिशु को विशाल गुप्ता के घर से सकुशल बरामद करते हुए तथा सभी आरोपियों को जुर्म धारा से अवगत करते हुए हिरासत पुलिस लिया गया। मामला 3 माह के नादान शिशु का अतिसंवेदनशील होने के कारण स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही थी इसी क्रम में उच्च अधिकारी गणों के निर्देशन में उक्त बच्चे को महज 55 घंटे के अंदर मुखबिर तंत्र का सहारा लेकर इस ब्लाइंड कैश की गुत्थी सुलझा कर नादान शिशु को माता-पिता को सोंपा गया।