CM Trivendra Singh Rawat ने किया संघ कार्यालय का उदघाटन




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नवीन चौहान

हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार के आर्यनगर में नव निर्मित राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के कार्यालय का उद्घाटन किया। लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सह कार्यवाह कृष्ण गोपाल तथा विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने संघ कार्यालय का लोकापर्ण करते हुए कहा कि संघ कार्यालय के निर्माण से देशभर में हिन्दू संस्कृति के प्रसार में लगे प्रचारकों, स्वयं सेवकों को संघ और राष्ट्र के कार्य करने में सुगमता होगी।


राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि संघ एक विचाराधारा है जिसका उद्देश्य राष्ट्र निर्माण, समाज का संर्वागीण विकास तथा भारतीय संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण करना मात्र है। संघ सदैव वसुधैव कुटुम्बकम की भावन से कार्य करता हुआ आगे बढ़ रहा है तथा वैश्विक स्वीकार्यता प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। आज संघ सामाजिक समरसता की भावना को आगे बढाते हुए समाज को एकात्मकता प्रदान करने की दिशा में गतिशील है। संघ व्यापक रूप लेकर प्रत्येक भारतीय की जिज्ञासा व विचार में शामिल हो गया है, जो इसके पवित्र ध्येय की विजय है। लोकापर्ण समारोह के पश्चात मुख्यमंत्री कटारपुर गौ रक्षा तीर्थ के शताब्दी वर्ष श्रद्धांजली समारोह मेंं उपस्थित हुए। उन्होंने कटारपुर गांव में बने शहीद स्मारक पर आयोजित श्रद्धांजली यज्ञ में आहुति डाली। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, रूड़की विधायकी प्रदीप बत्रा, हरिद्वार ग्रामीण विधायक यतीश्वरानंद, मेयर मनोज गर्ग, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी अजय भट्ट, जिलाध्यक्ष बीजेपी हरिद्वार जयपाल चौहान सहित अनेक पदाधिकारियों ने यज्ञ में पूर्ण आहुति दी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कटारपुर एक ऐतिहासिक स्थल है जहां हिन्दुओं ने गौ माता को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। गाय पुरातन काल से आज तक सभी हिन्दुओं की आस्था और संस्कृति का सूत्र है। यदि धर्म और आस्था से अलग तर्क और वैज्ञानिक आधार पर बात करें तो दिल्ली की सुप्रसिद्ध श्रीराम प्रयोगशाला में गाय सहित गौमुत्र, गोबर आदि पदार्थो पर हुए रिसर्च में यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय देसी गाय के दूध व गौमूत्र अर्क का सेवन अवसाद, माइग्रेन सहित अनके व्याधियों से निजात दिलाने में कारगर है। वहीं गाय के गोबर का प्रयोग भी त्वचा सम्बन्धी रोगों को नष्ट करने में औषधीय रूप से कार्य करता है। ब्राजील सहित दुनिया के कई देश भारतीय देसी गाय के गुणों के कारण अपने यहां पालन पोषण कर रहे हैं। अनुपयोगी मानकर लावारिस छोड़े गये गौवंश या बूढ़ी गायों के लिए भारत सरकार देशी गौशालाओं के संरक्षण व संवर्धन को प्रोत्साहन दे रही है।

उत्तराखण्ड सरकार की ओर से नरियाल गांव चम्पावत में स्थापित गौवंश संरक्षण केंद्र देसी नस्लों के संरक्षण में बहुत बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से पशुआहार के दाम 270 रूपये प्रति कुन्तल कम कर दिये गये हैं। राज्य सरकार शीघ्र ही एक सैक्स सीमन केंद्र ऋषिकेश में स्थापित करने जा रही है जहां देसी गायों के ब्रीड सुधार पर कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने 18 सितम्बर 1918 को गांव में गौवध का विरोध करने पर अंग्रेजी हुकुमत द्वारा फांसी तथा काला पानी की सजा सुनाये गये शहीदों के परिजनों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।