नवीन चौहान
हरिद्वार। सीपीयू के जांबाजों ने अपहरणकताओर्ं के मंसूबों को फेल कर दिया। तीनों बदमाश तेज रफ्तार में स्विफ्ट कार लेकर जा रहे थे। सीपीयू ने कार को रोकने का इशारा किया तो बदमाशों ने तेजी के साथ कार रामनगर कालोनी के भीतर घुसा दी जहां पब्लिक ने कार को घेरकर बदमाशों की पिटाई कर दी। पीछा कर रही सीपीयू ने मोर्चा संभाल लिया और बायरलैस से सूचना प्रसारित कर दी। जिसके बाद क्राइम ब्रांच व सीपीयू और ज्वालापुर पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। बदमाशों ने एक तमंचा और कार बरामद की गई है।
यातायात व्यवस्था को संभालने वाली सीपीयू हमेशा से ही जनता के निशाने पर रही है। हेलमेट चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न करने का आरोप सीपीयू को झेलना पड़ता है। लेकिन इसी सीपीयू की सजगता ने गाजियाबाद क्राइम बं्राच का एक हाईप्रोफाइल केस हल कर दिया। सीपीयू शनिवार को शंकर आश्रम के पास चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक तेज रफ्तार कार को रोकने के लिये सीपीयू के उप निरीक्षक सेनपाल ने इशारा दिया। लेकिन कार सवार बदमाश पुलिस को देखकर घबरा गये। वह शहर के भीतर रामनगर कॉलोनी में प्रवेश कर गये। सीपीयू के दारोगा सेनवाल, कांस्टेबल पंकज रावत ने वायरलैस पर सूचना प्रसारित कर दी। जिसके बाद पैट्रोलिंग कार में सवार उप निरीक्षक शिव प्रसाद डबरालख् कांस्टेबल मुकेश और चालक योगेंद्र सिंह पहुंच गये। वही क्राइम ब्रांच की टीम भी मौके पर आ गई। पब्लिक के हाथों पिटाई खा रहे बदमाशों ने पुलिस को देखते ही फायरिंग कर दी। लेकिन पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तीनों बदमाशो को घेर लिया। बदमाशों की गिरफ्तारी की गई और कार में बंधक बने अनिल अरोड़ा को मुक्त कराया। ये घटना हरिद्वार के इतिहास में पहली है जब सीपीयू की मुस्तैदी से तीन बदमाशों की गिरफ्तारी संभव हो पाई।