नवीन चौहान, हरिद्वार। डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। लेकिन चंद कागज के टुकड़ों की खातिर ये चिकित्सक हैवान बनने लग गये है। ऐसे ही चिकित्सकों की हैवानियत का खुलासा देहरादून पुलिस ने किया है। मानवीय संवदेनाओं का तार- तार कर चिकित्सक मरीजों को इलाज के बहाने उनकी किड़नी निकाल विदेशों में बेच रहे थे। फिलहाल पुलिस इस रैकेट से जुड़े चिकित्सकों और तमाम आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। पुलिस ने मरीजों को बहला फुसलाकर लाने वाले एक दलाल को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एसएसपी देहरादून निवेदिता कुकेरती ने किडनी रैकेट का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पुलिस को उत्तराचंल डेंटल कालेज लालतप्पड़ के संचालित गंगोत्री चैरिटेबल हॉस्पिटल में किडनी निकालकर बेचने की अवैध कारोबार करने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही देहरादून और हरिद्वार पुलिस को अलर्ट कर दिया गया। पुलिस ने नाकेबंदी कर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इसी दौरान हरिद्वार के सप्तऋषि पुलिस चौकी पर पुलिस ने एक इनोवा वाहन संख्या यूए 08टीए 5119 को रोक लिया। पुलिस के वाहन रोकते ही एक आदमी वाहन से उतरकर भागने लगा। जबकि वाहन में चार लोग जिसमें दो पुरुष दो महिलायें भीतर बैठे रहे। पुलिस ने पीछा कर भागने वाले आदमी को दबोच लिया। पुलिस ने जब पूछताछ की तो किडनी रैकेट को बेचे जाने के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ। भागने वाले व्यक्ति को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने अपना नाम जावेद खान पुत्र सरवर खान निवासी ग्रीन पार्क सोसायटी, एसजीएस स्कूल, एसबी रोड, सांताकु्रज मुंबई बताया। मालूम चला कि जावेद खान की चारों लोगों को किडनी बेचने के लिये गंगोत्री अस्पताल लेकर आया था। दो लोगों की किडनी निकाली जा चुकी है। जबकि दो लोगों ने पैंसे नहीं मिलने के चलते किडनी देने से मना कर दिया था। पुलिस किडनी का कारोबार करने वाले तीनों चिकित्सकों की तलाश करने में लगी है।
दलाल जावेद ने बेची 30 से अधिक किडनी
हरिद्वार। किडनी बेचने के अवैध धंधे में गिरफ्तार जावेद खान इस धंधे का दलाल है। वह 50 हजार के कमीशन में लोगों को लेकर आता था। किडनी बेचने वालों को 3 लाख से पांच लाख की रकम दी जाती थी। जावेद ने खुलासा कि वह करीब 30 से अधिक लोगों की किडनी निकलवा चुका है।
चिकित्सा के पवित्र पेशे को किया कंलकित
हरिद्वार। उत्तरांचल डेंटल एकेडमी शिक्षण संस्थान है। इस संस्थान के मालिक दया शंकर पांडेय ने इसी कैंपस को पांच साल की लीज पर डॉ अमित को जगह दी थी। डॉ अमित रावत ने गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल चलाने की आढ़ में किडनी का अवैध कारोबार शुरू कर दिया। जिसकी भनक खुद एकेडमी के मालिक को भी नहीं लगी। पुलिस पूछताछ में तमाम कई जानकारी पुलिस को लगी है।
कांस्टेबल पंकज ने पुलिस का बढ़ाया मान
हरिद्वार। रानीपुर कोतवाली में तैनात कांस्टेबल पंकज ने किडनी रैकेट की सूचना जुटाकर पुलिस का मान बढ़ाया है। कांस्टेबल पंकज ने पुलिस पर जनता के भरोसे को जिंदा किया है। इसी के साथ अपने कर्तव्य का पालन कर एक ईमानदार पुलिस होने की मिशाल पेश की है। पंकज की सूचना पर ही देहरादून पुलिस इस रैकेट का खुलासा करने में कामयाब हो पाई।
विदेशों से जुड़े किडनी रैकेट के तार
हरिद्वार। किडनी रैकेट के तार पश्चिम बंगाल से लेकर विदेशों तक फैले है। फरार तीनों चिकित्सकों की गिरफ्तारी के बाद इस किडनी के धंधे में कई सफेदपोशों के फंसने की संभावना बढ़ गई है। किडनी को दिल्ली के अस्पताल तक पहुंचाया जाता था। पुलिस तमाम जानकारी और फरार चिकित्सकों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।