जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने रेफरल मॉनिटरिंग समिति की गठित, मरीजों के रेफरल मामलों पर लगाम




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news, अल्मोड़ा
जनपद के अस्पतालों से बिना ठोस कारण मरीजों को रेफर किए जाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने ऐसे मामलों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए रेफरल मॉनिटरिंग समिति का गठन किया है। यह समिति अब हर माह रेफरल प्रकरणों की समीक्षा करेगी ताकि अनावश्यक रेफरल पर अंकुश लगाया जा सके और मरीजों को बेहतर उपचार जिले में ही उपलब्ध कराया जा सके।

जिलाधिकारी ने उठाया पहल
जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने बताया कि कई बार जिला चिकित्सालय, उप-जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से बिना किसी ठोस कारण या पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था पर विचार किए बिना मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। इससे एक ओर मरीजों को अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ती है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय चिकित्सा संस्थानों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने रेफरल मॉनिटरिंग समिति का गठन किया है, जो ऐसे मामलों की नियमित निगरानी करेगी।

समिति की संरचना
गठित समिति में जिलाधिकारी अंशुल सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं शोध संस्थान के प्राचार्य, जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्साधीक्षक, गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय रानीखेत के प्रमुख चिकित्साधीक्षक तथा सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी को समिति का सदस्य नामित किया गया है।

हर माह होगी समीक्षा बैठक
समिति द्वारा प्रत्येक माह के द्वितीय बुधवार को दोपहर 12 बजे से रेफरल प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी। यदि उक्त दिवस अवकाश का होगा तो बैठक अगले दिन आयोजित की जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि सभी अस्पतालों से रेफर किए गए मरीजों से संबंधित पूर्ण विवरण — जैसे मरीज का नाम, पता, मोबाइल नंबर, परिजन का विवरण, बीमारी का प्रकार, इलाज का समय, उपचार करने वाले चिकित्सक का नाम, अस्पताल में की गई चिकित्सा व्यवस्था, रेफर करने का कारण आदि — एकत्रित कर प्रत्येक माह के द्वितीय सोमवार तक जिलाधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराएं।

ऑनलाइन जुड़ेंगे ब्लॉक स्तर के चिकित्साधिकारी
बैठक में सभी सदस्य प्रतिभाग करेंगे जबकि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में शामिल होंगे। मुख्य चिकित्साधिकारी को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी सदस्यों को समय से बैठक की सूचना भेजी जाए और वांछित सूचनाएँ निर्धारित समय पर उपलब्ध कराई जाएं ताकि समीक्षा प्रक्रिया प्रभावी रूप से संचालित हो सके।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देना प्राथमिकता
जिलाधिकारी अंशुल सिंह ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। “बिना ठोस कारण मरीजों को रेफर करना अब स्वीकार्य नहीं होगा। यदि किसी अस्पताल में उपचार की पर्याप्त सुविधा है, तो मरीज को उसी स्तर पर गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलना चाहिए,” उन्होंने कहा।

इस कदम से उम्मीद है कि अब जिले के अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा और मरीजों को अनावश्यक रूप से दूरस्थ अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।