जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ग्राम प्रधान बसंती देवी को किया निलंबित




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हरिद्वार
हरिद्वार जनपद के लक्सर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत अकौढ़ा खुर्द उर्फ अकौढ़ा मुकर्मतपुर की ग्राम प्रधान बसंती देवी को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई ग्राम पंचायत क्षेत्र के कश्यप बस्ती में सीसी सड़क निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग की शिकायतों और जाँच के दौरान अभिलेख प्रस्तुत न करने पर की गई है।

शिकायत के बाद शुरू हुई जाँच
ग्राम पंचायत में सीसी सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता और घटिया सामग्री के प्रयोग की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान दो बार ग्राम प्रधान को नोटिस जारी कर संबंधित अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया, किंतु प्रधान द्वारा निर्धारित समय सीमा में अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए।

उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम का उल्लंघन
जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम प्रधान द्वारा अभिलेख प्रस्तुत न करना उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 133 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। यह अधिनियम ग्राम प्रधानों को पंचायत से संबंधित अभिलेख और कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपता है।

इसके साथ ही, अधिनियम की धारा 138 (1) में यह प्रावधान है कि यदि कोई प्रधान अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अनाचार का दोषी पाया जाता है, अथवा अधिनियम के किसी उपबंध का उल्लंघन करता है, तो उसे विभागीय जांच की समाप्ति तक निलंबित किया जा सकता है।

कर्तव्यपालन में लापरवाही पर हुई कार्रवाई
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा अभिलेख प्रस्तुत न करना कर्तव्यपालन में जानबूझकर की गई लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 के तहत की गई है।
आदेश के अनुसार, श्रीमती बसंती देवी को अंतिम जांच में दोषमुक्त पाए जाने तक ग्राम प्रधान पद से निलंबित रखा जाएगा। इस अवधि में ग्राम पंचायत अकौढ़ा खुर्द उर्फ अकौढ़ा मुकर्मतपुर के प्रशासनिक कार्य और दायित्व पंचायत के निर्वाचित तीन सदस्यों की एक समिति को सौंपे जाएंगे।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर प्रशासन सख्त
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। किसी भी स्तर पर अनियमितता या शिथिलता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जांच निष्पक्ष और शीघ्र पूरी की जाए, ताकि दोषी के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सके।