डॉ पीपी ध्यानी पहले कुलपति जिन्होंने स्वयं 52 कालेजों का किया औचक निरीक्षण




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सोनी चौहान
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की विभिन्न परीक्षा केन्द्रो में 74 पाठ्यक्रमों की 24 दिन के अन्तराल में विश्वविद्यालय के पास सीमित संसाधनों होने के बावजूद भी सेमेस्टर परीक्षा सम्पन्न करवायी गयी। जिसमें कुल 40773 छात्र/छात्रायें सम्मिलित हुये।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीपी ध्यानी ने देहरादून, हरिद्वार एवं ग-सजय़वाल मण्डल के 52 कालेजों का आकस्मिक निरीक्षण किया। जिसमें केवल परीक्षा का ही निरीक्षण नही किया गया। संस्थान की आधारभूत सुविधा जैसे संस्थान द्वारा छात्रों को दी जानी वाली सुविधाओं, संस्थानों की आधारभूत सुविधाओं, संस्थानों द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एंव राजभवन द्वारा जारी किये गये नियमों का पालन आदि किया जा रहा है या नही इन सभी का भी निरीक्षण किया गया।
कुलपति ने परीक्षा नकलवीहीन कराने के उद्देश्य से 10 टीमों का गठन किया गया था। जिसमें उडन दस्ता टीम, विषेश परीक्षा टीम एंव विश्वविद्यालय स्तर पर टीमों का गठन किया गया था।
विश्वविद्यालय से सम्बद्ध राजकीय/निजी संस्थान का औचक निरीक्षण के दौरान कुलपति डा पीपी ध्यानी ने 25 संस्थानों को सख्त हिदायत दी है कि यदि व्यवस्थायें नियमानुसार सही नही की गयी तो भविष्य में किसी भी प्रकार का कोई परीक्षा केन्द्र सम्बन्धित संस्थान में विश्वविद्यालय द्वारा नही बनाया जायेगा।
नरेन्द्रनगर राजकीय पीजी कालेज में समय 03.45 पहुंचने पर कुलपति को शिक्षकों नदारत मिले। जिसपर कुलपति ने गहरी अप्रसन्नता व्यक्त की। और परीक्षा नियत्रंक नताशा से दूरभाश पर की वार्ता की। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर कालेज प्रशासन को निर्देश दिये कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए। साथ साथ निदेशक उच्च शि्क्षा को दूरभाश पर अवगत कराया गया कि शासकीय कालेजों में इस प्रकार की लापरवाही के लिए नियमानुसार कार्यवाही करें।
कुलपति डा पीपी ध्यानी के निर्देशों पर विश्वविद्यालय ने 6 उत्तरपुस्तिका संकलन से संकलित की गयी उत्तरपुस्तिका को केन्द्रीय मूल्यांकन के लिए मूल्यांकन केन्द्र में पहुंचाया गया। जिस पर कुलपति ने स्वंय मूल्यांकन केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। साथ ही साथ समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि उनकी पहली प्राथमिकता कम से कम समय में परीक्षा परिणाम घोषित करना है। जिसके लिये विश्वविद्यालय द्वारा सभी तैयारियां कर ली गयी हैं।
कुलपति डॉ ध्यानी ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त ही लगातार उच्च शिक्षा के उन्नयन विकास के लिए अथक प्रयास कर रहे है। जिस के लिए डॉ ध्यानी ने स्वंय संस्थानों का निरीक्षण किया।
डा पीपी ध्यानी पहले ऐसे कुलपति हैं जिनके द्वारा 52 कालेजों का स्वंय निरीक्षण किया गया। निश्चित ही डा ध्यानी के अनुभवों से विश्वविद्यालय को एक नयी उर्जा प्रदान होगी जो भविष्य में श्रीेदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय को विश्वस्तर पर एक अग्रणी विश्वविद्यालय
बनायेगी।