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गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के विवादित प्रकरण में कुलाधिपति एसके आर्य की दमदार एंट्री हो चुकी है। आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से नव नियुक्त कुलाधिपति एसके आर्य का एक मेल कुलपति डॉ हेमलता को आया है। मेल में रजिस्ट्रार सुनील कुमार को दोबारा कार्यभार सौंपने के आदेश जारी किए गए है। इस ईमेल के बाद से कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त हो गया है। गुरूकुल कांगड़ी के रजिस्ट्रार पद से हटाए गए डॉ सुनील कुमार ने भी रसूक का एहसास कराने का प्रयास किया है। फिलहाल यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
कुलपति डॉ हेमलता ने बताया कि रजिस्ट्रार डॉ सुनील कुमार के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जांच किसी तरह से प्रभावित ना हो, इसके लिए मूल कैडर डीएवी कॉलेज देहरादून में भेजा गया है। उसके रजिस्ट्रार के पद पर बने रहने के दौरान जांच निष्पक्ष तरीके से होना संभव नही है। जबकि कुलाधिपति एसके आर्य की तरफ से मेल के माध्म से पत्र आया है। पत्र में सुनील कुमार को हटाने की प्रक्रिया को गलत बताया गया है। जबकि रजिस्ट्रार के खिलाफ कुलाधिपति ने स्वयं जांच करने का उल्लेख किया है। पत्र में सुनील कुमार को रजिस्ट्रार के पद पर कार्य करने के लिए आदेशित किया गया है। हालांकि सुनील कुमार के ऊपर लगे तमाम आरोपों पर कुलपति डॉ हेमलता ने चुप्पी साध ली और इसे जांच का आंतरिक विषय बताया।
गुरूकुल कांगड़ी के कर्मचारी नेता रजनीश भारद्वाज ने कुलपति डॉ हेमलता के रजिस्ट्रार सुनील कुमार के हटाने के आदेश के निर्णय को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि कुलपति ने विश्वविद्यालय के हितों को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रार को मूल तैनाती पर भेजने के आदेश जारी किए है। उन्होंने कुलाधिपति की नियुक्ति पर कहा कि अभी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। केंद्र सरकार व यूजीसी की ओर से कुलाधिपति के पद पर डॉ एसके आर्य की नियुक्ति का कोई पत्र विश्वविद्यालय में नही आया है। ऐसे में कुलाधिपति के पद नियुक्ति पर ही सवाल है। तमाम विवादों के बीच कुलाधिपति एसके आर्य का कुलपति को आदेश जारी करना, हमारी समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति सही होंगे तभी तो कुलपति को आदेश जारी करेंगे। फिलहाल, अभी तक तो एसके आर्य हमारे कुलाधिपति नही है। क्योकि सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पत्र विश्वविद्यालय को नही आया है।
विदित हो कि गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में विवाद लगातार गहराता जा रहा है। कर्मचारी संगठनों में रोष है। यूजीसी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाकर रख रही है। आर्य प्रतिनिधि सभा अपना वर्चस्व कायम रखने का पूरा प्रयास कर रही है। कर्मचारी संगठनों के पक्ष में संस्था के पूर्व कर्मचारी एकजुटता के साथ लामबंद हो चुके है।
रजिस्ट्रार सुनील कुमार की ताकत
गुरूकुल कांगड़ी के रजिस्ट्रार पद से हटाए जाने के 24 घंटे के भीतर कुलाधिपति एसके आर्य का रजिस्ट्रार सुनील कुमार के पक्ष में पत्र आया, उनकी ताकत और मजबूत संबंधों को दर्शाता है। सुनील कुमार के अच्छे संबंध आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारियों से है।
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प्रशासनिक–कानूनी लड़ाई
गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में राजनैतिक और शैक्षणिक संघर्ष जारी है। आर्य प्रतिनिधि सभा (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली) ने यूजीसी के 2023 नियमों के खिलाफ लड़ाई शुरू की।
उच्च न्यायालय का फ़ैसला
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आर्य प्रतिनिधि सभाओं को कुलाधिपति और कुलपति को नियुक्त करने की छूट दी है। लेकिन वित्तीय व अन्य शर्तों का पालन के साथ—यह छूट मार्च 2028 तक सीमित है।
कुलाधिपति एसके आर्य
आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने सुरेंद्र कुमार आर्य को कुलाधिपति बनाया है। हालांकि गुरूकुल कांगड़ी के तमाम कर्मचारी संगठनों ने उनकी नियुक्ति का विरोध किया है। इसी के साथ ही सभी कर्मचारियों की ओर से 2023 के यूजीसी नियमों के लागू करने की मांग की हुई है।
कुलाधिपति डॉ एसके आर्य से कुलपति डॉ हेमलता को भेजे गए पत्र की पुष्टि करने का प्रयास किया गया। उनके कार्यालय के फोन नंबर पर संपर्क किया गया। लेकिन कोई उत्तर नही आया है। ऐसे में यह कहना भी संभव नही है कि यह ईमेल कहां से आया और किसने भेजा है। अगर डॉ एसके आर्य की ओर से कोई जवाब आयेगा तो प्रकाशित किया जायेगा।