बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप पर एफडीए की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 63 औषधियों के सैंपल भेजे लैब




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न्यूज127, देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशन पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने पूरे राज्य में प्रतिबंधित और संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री व वितरण के खिलाफ सघन अभियान चलाया जा रहा है।

आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेशों के क्रम में प्रदेशभर में लगातार छापेमारी की जा रही है। एफडीए की टीमें विभिन्न मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों से सैंपल एकत्र कर परीक्षण हेतु प्रयोगशालाओं को भेज रही हैं।

प्रदेशव्यापी जांच की विस्तृत जानकारी साझा
एफडीए मुख्यालय देहरादून में अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक (ड्रग कंट्रोलर) ताजवर सिंह जग्गी ने पत्रकारवार्ता कर राज्य में संदिग्ध औषधियों की सैंपलिंग, जांच और बाजार नियंत्रण की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से बच्चों के बीमार होने और मृत्यु की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह कदम एहतियातन और जनहित में उठाया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ प्रदेश के हर जिले में संचालित किया जा रहा है, ताकि किसी भी स्थिति में बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

सभी जिलों में तेज हुई सैंपलिंग और जांच प्रक्रिया
अपर आयुक्त ताजवर सिंह जग्गी ने बताया कि राज्य के सभी जनपदों में औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों से कफ सिरप के नमूने लेकर अधिकृत प्रयोगशालाओं को भेजें।
उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनियों से कच्चे माल जैसे पॉलीइथिलीन ग्लाइकॉल, सॉर्बिटॉल और अन्य रासायनिक तत्वों के सैंपल लेकर गुणवत्ता जांच की जा रही है, ताकि उत्पादन स्तर पर किसी प्रकार की गड़बड़ी या मिलावट की संभावना समाप्त की जा सके।
अब तक पूरे प्रदेश में 63 औषधियों के सैंपल एकत्र किए जा चुके हैं, जिनकी जांच प्रक्रिया जारी है। प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बिना डॉक्टरी परामर्श बच्चों को दवा न दें
अपर आयुक्त ने जनता से अपील की कि वे बिना चिकित्सक की सलाह के बच्चों को कोई भी कफ सिरप या औषधि न दें। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य से किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया जाना चाहिए। यदि बच्चे में सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें, तो केवल योग्य चिकित्सक की सलाह पर ही दवा दी जाए।
उन्होंने बताया कि यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा और विभागीय टीमें इसकी सघन निगरानी कर रही हैं। प्रत्येक जिले में औषधि दुकानों और थोक विक्रेताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

एफडीए का चेतावनी
अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह जग्गी ने कहा कि कई बार घरों में रखी खुली या पुरानी दवाइयाँ अपनी प्रभावशीलता खो देती हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी दवाइयाँ तुरंत सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दी जाएँ और किसी भी खुली बोतल या अधूरी दवाई का प्रयोग न किया जाए।

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि दवाइयाँ केवल चिकित्सक की सलाह पर ही उपयोग करें और हर दवा की समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) अवश्य जांचें, ताकि किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके।

मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश
अपर आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री स्वयं इस अभियान की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। उनके निर्देश हैं कि हर घर की थाली शुद्ध रहे और हर बच्चे का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। राज्य सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है और औषधि व खाद्य सुरक्षा से जुड़ी सभी गतिविधियों की कड़ी निगरानी की जा रही है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में केवल गुणवत्तापूर्ण औषधियाँ ही जनता तक पहुँचें।

दीपावली से पहले खाद्य पदार्थों की भी सघन निगरानी
अपर आयुक्त ने बताया कि दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मिठाइयों, दूध उत्पादों और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लिए जा रहे हैं। राज्य की सीमाओं पर निगरानी बढ़ाई गई है और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान मिलावटखोरी पर अंकुश लगाना विभाग की शीर्ष प्राथमिकता है।

जनहित में चल रहा यह अभियान
अपर आयुक्त ताजवर सिंह जग्गी ने कहा कि एफडीए की यह कार्रवाई उत्तराखंड सरकार की जनहित प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता से समझौता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आम जनता के साथ ही मीडिया प्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील की, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक इस अभियान की जानकारी पहुँचे और जनजागरूकता बढ़ाई जा सके।