नवीन चौहान.
उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का दिल्ली से बुलावा आया है। अचानक इस तरह पार्टी हाईकमान द्वारा उन्हें दिल्ली बुलाए जाने से प्रदेश के सियासी गलियारे में हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि उन्हें दिल्ली बुलाकर प्रदेश सरकार का फीड़ बैक लिया जाएगा।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को साफ छवि वाला नेता माना गया है। उनके प्रदेश मुख्यमंत्री रहते हुए चार साल में किए गए कार्य यादगार बने हैं। उनके कार्यकाल में कोई भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया। उन्होंने निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ सरकार का काम किया। जबकि वर्तमान धामी सरकार विवादों का सामना कर रही है। कार्यों में अनियमितता और भर्ती विवाद सामने आने से धामी सरकार अपने आपको असहज महसूस कर रही है। हालांकि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विवादों में आयी सभी भर्तियों की निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है। लेकिन इसके बावजूद कहीं न कहीं प्रदेश में भाजपा सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है।
इसी बीच अचानक पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पार्टी हाईकमान ने दिल्ली बुला लिया है। चर्चा है कि पार्टी हाईकमान पूर्व सीएम से प्रदेश सरकार का फीड बैक लेंगे। हालांकि चर्चा ये भी है कि हरिद्वार जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव है, ऐसे में पूर्व सीएम के अनुभव का इस्तेमाल कर सरकार इस चुनाव में अधिक से अधिक अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने की भी सोच रही है।
वहीं दूसरी ओर राजनीति के विशेषज्ञों का कहना है कि जल्द ही गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुभव और उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा को ध्यान में रखते हुए पार्टी हाई कमान गुजरात और हिमाचल चुनाव में पार्टी की जीत के लिए उन्हें भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकती है। अब देखना यही है कि पार्टी हाईकमान से मिलने के बाद इन सवालों के क्या जवाब सामने आएंगे।